सहारनपुर। जैसे ही दीपावली का पर्व समाप्त हुआ है, वैसे ही महानगर से डेंगू मच्छर का खेल भी खत्म हुआ है, हालांकि अभी भी शहर में कुछेक मरीज डेंगू से पीड़ित है, परंतु अब मरीजों में कमी आनी शुरू हो गयी है। डेंगू से पीड़ित मरीज की मुख्यतः परेशानी इस बात की होती है कि इसमे एक मानव शरीर में प्लेटलेटस की संख्या कम हो जाती है और प्लेटलेटस प्रत्येक व्यक्ति भी नहीं दे सकता है। परंतुु इसी प्लेटलेटस को पूर्ति करने के लिए सहारनपुर में एक टीम ‘‘यूथ फाऊंडेशन’’ सदैव तत्पर रही हैं। जिस टीम का मुख्य नारा ही ‘‘डेंगू होगी तेरी ऐसी की तैसी’’ होगा, उस टीम ने डेंगू से निपटने के लिए क्या तैयारी की होगी, यह एक सोचने योग्य है। टीम को बने हुये अभी मात्र 6 माह भी नहीं हुये है, परंतु कंवलजीत सिंह लूथरा की अध्यक्षता में गठित इस टीम ने ऐसे कार्य किये है, जो भविष्य में एक मील का पत्थर साबित होगी। टीम के अध्यक्ष कंवलजीत सिंह लूथरा द्वारा बताया गया कि हमने प्लेटलेट्स का सामना करने के लिए पूर्व से ही सभी प्रकार की तैयारीयां कर ली थी, जागरूकता के लिए प्रचार प्रसार किया गया, यहां तक की महिला टीम का गठन भी किया गया, जिसकी अध्यक्ष रीतिका ठक्कर को नियुक्त किया गया। प्लेटलेट्स देने के लिए महिलाएं भी पीछे नहीं रही, इसके अतिरिक्त टीम में ऐसे सदस्यों को शामिल किया गया, जो ज्यादा से ज्यादा प्लेटलेट्स के लिए लोगो को जागरूक करें। महिलाओं को जागरूक करने के लिए रितिका द्वारा मुहिम चलायी गयी, जिसका परिणाम यह हुआ कि अनेको महिलाओं ने भी बढ़चढ़कर प्लेटलेट्स डोनेट की जिसमे क्रमशः सिमरन बजाज, भावना गोयल, तानिया कपिल आदि है। टीम के अंश मित्तल व रितिका ठक्कर ने प्लेट्लेटस के बारे में बताया कि प्लेटलेट्स हमारे रक्त कोशिकाओं की सबसे छोटी इकाई है, जिसे हम माइक्रोस्कोप से ही देख सकते हैंǀ इसकी आकृति एक प्लेट कि तरह ही होती है जब अपनी स्थिति में रहती है। प्लेटलेट्स हमारी रक्त कोशिकाओं में रक्त के साथ ही पूरे शरीर में घूमती है, जब कहीं किसी प्रकार का घात होता है तो रक्त वाहिका एक संकेत भेजती हैं, संकेत मिलते ही प्लेटलेट्स अपनी एक्टिव स्थिति में आ जाती हैं और जिस स्थान पर किसी प्रकार का आघात या चोट लगी है वहाँ इकठ्ठा होना शुरू हो जाती हैं और आघात के कारण हो रहे रक्त के श्राव को रोकने का काम करती हैं, मेडीकल साइंस में इसे ब्लड क्लोटिंग कहते हें जो कि प्लेटलेट्स के एक्टिव होने पर ही होती है। बताया कि कुछ साधारण से घरेलु उपचार मात्र से ही हम अपनी प्लेटलेट्स में वृद्धि और नियंत्रित कर सकते हैंǀ प्रतिदिन 25 से 30 ग्राम घ्रात्कुमारी के गुदे या उसके रस को पीने से ही आपकी प्लेटलेट्स नियंत्रित रहेगी और डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार से लड़ने कि भी तागत प्रदान करता है। गिलोय के जूस या गिलोय के तने को कूट कर उसके रस को निकाल लिया जाये और उसे सुबह-शाम खली पेट एलोवेरा जूस के साथ लें तो इस प्रयोग से भी 1 से 2 दिन में आपकी प्लेटलेट्स में वृधि होना शुरू हो जाएगी। पपीते के पत्तों का रस निकालकर 30 से 50 मिली मात्रा में सुबह-शाम लेने से प्लेटलेट्स बढ़ना शुरू हो जाती है।