-आचार्य रोहित वशिष्ठ ने बताये गाय के गोबर से बने उपले के महत्व
सिटीवेब/एसएल कश्यप।
सहारनपुर। आज हर तरफ कोरोना वायरस के चर्चे हो रहे हैं। कोरोना के प्रति सावधानी को लेकर जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन व शासन स्तर पर एडवाइजरी जारी करते हुए सावधानी बरतने के निर्देश दिये गये हैं। वहीं कोरोना वायरस से बचने के लिए स्वच्छता को पहली प्राथमिकता दी जा रही है। होली के त्योहार पर भी कोरोना के प्रभाव को देखते हुए लोगों से भीड़भाड़ न करने तथा स्वच्छता अपनाने की अपील की जा रही है।
क्या कहते हैं आचार्य रोहित वशिष्ठ
आचार्य रोहित वशिष्ठ का कहना है कि आधुनिकता की दौड़ में आज लोग सनातन संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। यही कारण है कि अनेक प्रकार की बीमारियां लोगों को घेरे हुए है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता बनाये रखने से सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि होली का त्योहार साफ सुधरे माहौल में मनाये। प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें। सावधानी बरतें और हो सके तो फूलों की होली खेलें। लोगों से हाथ मिलाने के बजाये हाथ जोड़कर प्रणाम करें।
इस उपाय से खत्म होगी घर में फैली नकारात्मकता
आचार्य रोहित वशिष्ठ ने बताया कि दुनिया में कोरोना वायरस ने कोहराम मचा रखा है। हमें सबसे पहले तो स्वच्छता को प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने कहा कि गाय के गोबर में देशी घी के साथ गुगल, लौंग, लौभान, व कपूर के साथ जलाया जाये तथा उसकी धुनी को पूरे घर में घुमाये तथा उस उपले को घर मुख्य स्थान पर रखकर छोड़ दें। ऐसा करने से घर के वातावरण में फैले कीटाणु समाप्त होंगे और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। रोजाना ऐसा कर सकें तो यह परिवार के लिए बहुत अच्छा होगा। घर में सुख शांति का वास होगा।