एसएल कश्यप।
सहारनपुर। मज़लूमे ज़माना हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व करबला के 72 शहीदो की शहादत की याद मे रात भर शब्बेदारी की गयी, रात के अंतिम पडाव करीब 3 बजे अंगारो पर चल कर आग का मातम किया गया जिसमे अन्जुमने अकबरिया व अन्जुमने इमामिया के सदस्यो ने या हुसैन या हुसैन की सदाएं बुलन्द करते हुए आग पर नंगे पांव चलकर मातम किया आग के मातम के समय इमाम बारगाह ज़ायरिनो से भरी हुई थी। सुबह के समय अज़ाखानो मे अलविदा पढी गयी अज़ा खानो से ताज़िये इमाम बारगाहो मे मरसिए खानी व नौहा खानी व मातम के साथ ज़ायरिनो ने पहुचाये गये। शिया जामा मस्जिद मे हुज्जतुल इस्लाम मौलाना ज़हूर मैहदी ने अज़ादारो को आमाले रोजे आशुरा कराये। आज के दिन सोगवार फाका रखते है,तथा काले कपडे पहनते है नंगे पैर,गरेबान चाक रखते हुए हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का सोग मनाते है। और आमाले आशूरा अदा करते है:-इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलैहि राजेउन रज़न बेकज़ाए तस्लीमन ले अमरे। यह वह शब्द है शबे आशूरा हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने शहादत देने से पहले करबला के मैदान मे दोहराये थे।