--शामली में चार, सहारनपुर व मुजफ्फरनगर मंे दो मीटर तक जलस्तर में गिरावट
सिटीवेब/सचिन चैधरी
सहारनपुर। कंेद्रीय जल संसाधन, रिवर डवलपमेंट, गंगा रिर्जवेशन व जल शक्ति मंत्रालय के सचिव उपेंद्र प्रसाद सिंह ने गुरूवार को सर्किट हाऊस में जल संरक्षण व नदियों के जीर्णाेद्वार के लिए कमिश्नर व जिलाधिकारियों समेत मंडलीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में भारत सरकार के सचिव उपेंद्र प्रसाद ने कहा कि गिरता जलस्तर चिंता का विषय है। इसमें सुधार के लिए जल आंदोलन को हमे जन आंदोलन बनाना होगा।
समीक्षा बैठक में सहारनपुर मंडलायुक्त संजय कुमार ने बताया कि जल के जनजागरण अभियान के तहत 35 गांव में पदयात्रा निकाली जाएगी। वहीं इस दौरान चैपाल लगाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 जून तक मंडल में नदियों व तालाबों में पानी की अविरलता व निर्मलता के लिए तेजी से कार्य कराये जाएंगे।
गौरतलब है कि आज के दौर में अत्याधुनिक सुविधाएं जल दोहन अधिक हो रहा है। पानी की बर्बादी को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा ननामि गंगे अभियान के तहत जल जागरूकता अभियान चलाने की कार्ययोजना बनाई गई है। इसके तहत सहारनपुर मंडल में गिरते जलस्तर को रोकने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जाएगा। इतना ही नहीं लोगों में इस बात की जागरूकता लाने का समीक्षा बैठक में अधिकारियों द्वारा संकल्प लिया गया है कि वह अपने कार्याें के लिए जल की बर्बादी को रोकेंगे और जल संरक्षण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगे।
जलस्तर में गिरावट पर जताई चिंता
समीक्षा बैठक में सामने आया है कि उद्योग का प्रदूषण हमारे लिये चिंता का विषय बना हुआ है। वर्ष 2009 से 2019 तक सहारनपुर व मुजफ्फरनगर जनपद में दो मीटर व शामली में चार मीटर तक पानी का स्तर नीचे चला गया है, जो कि बड़ी चिंता का विषय है।
शहरों के प्रदूषण पर हुई विस्तार से चर्चा
समीक्षा बैठक में पाॅवर पर्जेंटेशन के माध्यम से हिंडन में पर्याप्त पानी के बाद भी प्रदूषित क्यों है, इसे दिखलाया गया और शहरों से जनित प्रदूषण के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। अधिकारियों को तालाब की भूमि पर अवैध कब्जों को शीघ्र हटाकर उन्हें तालाब में तब्दील करने के कडे़ निर्देश दिये गये हैं।
बैठक में ये रहे मौजूद
डीएम मुजफ्फरनगर सेल्वा कुमार जे, डीएम शामली अखिलेश सिंह, सीडीओ सहारनपुर प्रणय सिंह, नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह, संयुक्त विकास आयुक्त के अलावा मंडलीय अधिकारी और सिंचाई, प्रदूषण व जल निगम के अधिकारी मौजूद रहे।