ढाई महीने पहले घर से भागकर प्रेमी से विवाह रचाने वाली जिस रचना के अधजले शव को कब्जे में लिया था, वो चिता पर रखे जाने से पहले जिंदा थी. इस बात का खुलासा सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद हुआ. पुलिस ने चिता पर जल रहे शव को उतारा था. परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार के नाम पर पति द्वारा जिंदा ही जलाए जाने के आरोप के बाद पुलिस को ऐसा कदम उठाना पड़ा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक युवती 24 वर्षीय रचना सिसौदिया कुछ दिनों पहले ही विवाह के बंधन में बंधी थी. खबर है कि नोएडा के हॉस्पिटल ने डेथ समरी में बताया कि हर्ट संबंधी समस्या के कारण 25 फरवरी को रचना की मौत हुई, जिसके अगले ही दिन युवती का दाह संस्कार किया जा रहा था.
अलीगढ़ में हुए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की माने तो युवती की सांस लेने वाली नली में राख पाया गया. जिसका अर्थ यह है कि जलाये जाते समय वह जिंदा थी और उसकी सांस चल रही थी. पुलिस ने जब रचना को चिता से उतारा तब तक वह 70 प्रतिशत जल चुकी थी. पुलिस ने मामले को लेकर रचना के पति देवेश चौधरी और 11 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है.
बताया जा रहा है कि रचना 13 दिसंबर को बुलंदशहर स्थित अपने घर से गायब हो गई थी. युवती के रिश्तेचदार ने बताया कि हमने उसे बहुत खोजा लेकिन कुछ पता नहीं चला. वह देवेश के साथ रह रही है. हम अलीगढ़ में उसके गांव भी गए थे लेकिन रचना वहां भी हमें नहीं मिली. पड़ोसियों ने बताया कि शादी करने के बाद दोनों नोएडा में शिफ्ट कर गए थे, जहां रचना आगे की पढाई कर रही थी.
पुलिस ने जानकारी दी कि 23 फरवरी को रचना को ग्रेटर नोएडा के शारदा हॉस्पि़टल में भर्ती कराया गया था और 25 फरवरी को उसने दम तोड़ दिया. हॉस्पिटल द्वारा जारी डेथ समरी के अनुसार भर्ती करते समय रचना बुखार, कंपकपी, सांस लेने में तकलीफ, पेटदर्द और लूज मोशन से पीडित थी. दो दिन बाद हर्ट समस्या और अक्यूट रेस्परेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम की वजह से महिला की मौत हो गई.