एसएल कश्यप।
सहारनपुर। चंद्र नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में पूज्य श्री वीर सागर महाराज ने कहा कि मनुष्य को हमेशा जीव पर दया, सेवा, धर्म ध्यान, दान आदि परोपकारी कार्य करने चाहिए। ऐसा करने से दरिद्रा नहीं आती। पुण्य का कार्य करने से शरीर निरोगी रहता है। पाप के कार्यों में पैसे खर्च करने से लक्ष्मी भी लज्जित और शर्मिंदा होती है और वह ऐसे व्यक्ति के पास से लुप्त हो जाती है। लक्ष्मी का सदुपयोग जीव दया, निस्वार्थ सेवा ,परोपकार, शिक्षा, स्वास्थ्य के कार्य, धर्म के कार्यों में होना चाहिए। महाराज श्री ने 17 अक्टूबर से े वार्षिक गजरथ महोत्सव मनाया जाएगा। जिसका उद्देश्य बच्चों को संस्कारवान बनाना है। बच्चों को शिक्षित करने के साथ उन्हें नैतिक संस्कार दिए जाएं ताकि वे अपने माता पिता को वृद्धावस्था में आश्रम में छोड़ने के स्थान पर क्षेत्रों की वंदना कराएं। गुरु के दर्शन कराएं। उन्होंने कहा कि जो माता-पिता अपने बच्चों को बचपन में ही धर्म के संस्कार दे देते हैं , उनके बच्चे कभी भी जीवन में पापाचरण अथवा व्यसन इत्यादि नहीं करते। महाराज श्री ने 15 वर्ष से 20 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए संस्कार शिविर चंद्रनगर क्षेत्र में लगाने के लिए प्रेरित किया। . इससे पूर्व विभिन्न नगरों से आए हुए अतिथियों ने पूज्य श्री के श्री चरणों में श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद ग्रहण किया। धर्मसभा में डॉ एके जैन, संजीव जैन बब्बू , मीडिया प्रभारी अनिल जैन, विशाल जैन सुनील जैन सर्राफ ,बीएम जैन, प्रोफेसर ए.के. जैन ,डॉ जिनेंद्र जैन, दिनेश जैन , देवेंद्र जैन, वीर जैन ,अनुज जैन, सुशील जैन ,रवि जैन ,मनीष -नवीन जैन गिरीश जैन ,चंदन जैन ,विनय लता जैन ,रेणु जैन ,रिद्धि जैन शोभा जैन ,बाला जैन ,ममता जैन सारिका जैन ,मंजू जैन सहित सैकड़ों स्त्री-पुरुष उपस्थित रहे।