साढ़े छह लाख निवेशकों के साथ 37 अबर रुपये ठगी मामले पर भले ही उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। एसटीएफ की पूरी कार्रवाई ही अब कटघरे में आती दिखाई दे रही है। कंपनी के बाहर जुटने वाले लोग पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहरा रहे हैं। बृहस्पतिवार को एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने नोएडा में प्रेस कांफ्रेंस के जरिए यह बताया था कि साढ़े छह लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये की ठगी करने वाली एब्लेज इंफो सोल्यूशन प्रावइेट लिमिटेड कंपनी 878/8 नई बिल्डिंग एसपी मुखर्जी मार्ग चांदनी चौक नई दिल्ली से प्रारंभ की गई थी। इस कंपनी में निदेशक अनुभव मित्तल और उनके पिता सुनील मित्तल थे लेकिन जांच के दौरान भौतिक रूप से इस जगह कंपनी का कोई कार्यालय नहीं मिला, हापुड में पिता सुनील मित्तल की इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान अवश्य मिली है। दिल्ली आयकर विभाग के पास से प्राप्त दस्तावेज और ऑनलाइन कंपनी के दस्तावेजों के हिसाब से कंपनी ने जो अपना रजिस्ट्रेशन ऑफ कंपनी (आरओसी) का रजिस्ट्रेशन दिखाया है वह नई दिल्ली स्थित शॉप नंबर 107 फस्ट फ्लोर ऋषभ आईपीईएस मॉल आईपी एक्सटेंशन नहीं दिल्ली डीएल 110092 लिखा है। ऐसे में अब सवाल यह खड़ा होता है कि एसटीएफ जैसा उत्तर प्रदेश का सशक्त पुलिस बल किसी कंपनी की जांच में इतनी बड़ी चूक कैसे कर सकता है। जो अब पूरी कार्य प्रणाली को कटघरे में खड़ा करने लगा है। इस मामले पर सीओ एसटीएफ राजकुमार मिश्रा का कहना है कि हमारे पास शिकायतकर्ता आ रहे है। उसके आधार पर जब कंपनी की जांच की तो कोटक महिंद्रा बैंक में जो कंपनी ने अपना पता दे रखा था, वह दिल्ली स्थित चांदनी चौक का था। इस मामले पर जब उनसे पूछा गया कि कंपनी का पता तो आईपी एक्सटेंशन है। वह कहने लगे कि हमें पता है। मामले पर एसएसपी एसटीएफ उत्तर प्रदेश अमित पाठक का कहना है कि दिये गये विवरण में कंपनी का पता चांदनी चौक होने की बात सामने आई है जिसकी जांच जारी है।