-गांव ओलरा में परेशान किसानों ने पूर्व प्रधान के घेर में रखकर गौवंशों को खिला रहे चारा-पानी
-एक दिन पूर्व ही पशुधन प्रमुख सचिव अधिकारियों को देकर गए है निर्देश
सिटीवेब अरविंद सिसौदिया।
नानौता।ऐसा लगता है पशुधन प्रमुख सचिव बीएल मीणा के सहारनपुर दौरे का भी अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ है। क्योंकि नगर से लेकर क्षेत्र में बेसहारा पशुओं की लंबी लाइने देखी जा रही है। नानौता ब्लाॅक के गांव ओलरा में तो अधिकारियों की लापरवाही से परेशान होकर ग्रामीणों ने फसलों को नष्ट कर रहे इन पशुओं को खेतो से पकडकर अपनी पशुशाला में खडे कर लिए है। ताकि फसल बर्बाद होने से बच सके।
नानौता क्षेत्र प्रदेश सरकार द्वारा दो गौशालाएं टिकरौल व भारीदीनदारपुर में बनवा रखी है। लेकिन बावजूद इसके बेसहारा गौवंश खेतों में किसानों की फसले बर्बाद कर रहे है और नगर की सडकों पर घूमते दिखाई दे सकते है। हांलाकि सोमवार की रात्रि लखनऊ से पंहुचे पशुधन प्रमुख सचिव नानौता चीनी मिल और सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र पंहुचे। लेकिन बावजूद इसके अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी और खुले में घूम रहे गौवंश की स्थिती ज्यौं की त्यौं पाई गई।
ग्रामीणों ने आवारा पशुओं को घेर में रखा -
मंगलवार को गांव ओलरा में काफी संख्या में ग्रामीणों ने खेतों में फसलों को नष्ट कर रहे दर्जनो गौवंश को पकडकर पूर्व प्रधान ब्रजपाल चैधरी के घेर की चाहरदीवारी में बंद किया। ग्रामीणों महीपाल चैधरी, नीटू, अजय कुमार, संजीव, श्रीपाल, सुखपाल सैनी, ब्रजपाल सिंह, जनारा मुखिया आदि का कहना है कि इतनी संख्या में आ रहे गौवंशों ने उनकी गेहूं की फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। कई बार पशु अधिकारियों से लेकर उच्चाधिकारियों को इस संबध में अवगत कराया गया है। लेकिन कोई कारवाई नहीं हुई है। गौवंशों को पकडकर गौशालाओं में न भिजवाकर फाइलों में अपने काम की इतिश्री कर रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पशु विभाग या अन्य संबधित अधिकारी इन गौवंशों को गौशाला नहीं भिजवाते है तब तक इन पकडे हुए पशुओं को वह चारा-पानी खिलवाने का काम करेंगे। लेकिन यह व्यवस्था संबधित अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाती है।