सिटीवेब/एसएल कश्यप।
सहारनपुर। जनपद में पारम्परिक रूप से जश्ने ईद मिलाद-उन-नबी का त्योहार मनाया गया। सहारनपुर में ईद मिलाद-उन-नबी कमेटी की ओर से अकीदत व अहतराम के साथ जश्ने ईद मिलाद-उन-नबी का पर्व मनाया गया। जनकनगर स्थित हजरत बाजेशाह की दरगाह से जुलूस-ए-मौहम्मदी टुकड़ियों की शक्ल में रवाना किया गया। कमेटी की ओर से हुजुर-ए-अकरम हजरत मौहम्मद की यौमे पैदाईश की खुशी में गाड़ी में रखे हुए लड्डुओं का तबर्ररुक बांटा गया। अकीतदमंदों ने एक दूसरे को गले मिलकर ईद मिलाद-उन-नबी की खुशी मनाई। जुलूस-ए-मौहम्मदी में शामिल सभी वाहन व पैदल चलकर इंद्राचैक स्थित मदरसा जामिया गौसिया रिजविया पहुंचे। मदरसे में आयोजित जलसे का आगाज तिलावते कुरान,हम्देपाक व नातेपाक से हुआ। सदारत सैय्यद मरगूब अमीन काजमी अमरोही ने की। सरपरस्ती अमरोहा से आये हजरत सैयद नुरूल अमीन काजमी ने फरमायी। जानशीन हकीम हजरत मौहम्मद तारीक मिया नूरी ने खिताब फरमाते हुए कहा कि सरकारें दो आलम की जात आलमे इंसान के लिए नमूना ए अमल है। हजरत मौहम्मद साहब ने ऊंच-नीच का फर्क खत्म कर सबको एक होकर रहने की ताकीद की। कहा कि जो लोग हजरत मौहम्मद के बताये रास्ते पर चलते हैं वही सच्चे आशिके रसूल होते हैं। सरकारे दो आलम ने विधवाओं, यतीमों और बेसहाराओं को दी, वो कहीं देखने को नहीं मिलती। कहा कि हजरत मौहम्मद सबके लिए रहमत बनकर आये। हकीम वासिफ मिया नूरी ने फरमाया कि अल्लाह के रसूल की सुन्नतों पर अमल करना ही हमारा जरिया ए निजात होगा। आज पूरी दुनिया जश्न मना रही है। हम सब उसी में बराबर के शरीक हैं। जलसे में देश व दुनिया में आपसी भाईचारे व अमनो-अमान के लिए दुआएं की गई। इस दौरान काजी शौकत, आबिद हसन वफा, मोहर्रम अली पप्पू, महबूब खान, मोहसीन खान, शहनवाज नौशाही, हकीम नसीम अहमद, हकीम नसीम, राजा फरीद, डा.कामिल, आसिफ कादरी, सैयद अनवर साबरी, हाफिज इरशाद आदि मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पुलिस द्वारा पुख्ता इंतजाम किये गये थे।