-उत्तर भारत में भीषण सर्दी व बर्फबारी के चलते शिमला, मनाली, कश्मीर नहीं पंहुच रहे सैलानी
सिटीवेब/अरविंद सिसौदिया।
नानौता। नववर्ष मनाने के लिए सैलानी इस बार शिमला, मनाली और कश्मीर नहीं बल्कि बैंगलरू, उडीसा आदि जगहों का रूख कर रहे है। इसका कारण कुछ और नहीं बल्कि उत्तर भारत में पड रही कडाके की ठंड है। जिससे चलते सैलानियों का रूख इस बार दूसरी ओर हुआ है।
इन दिनों उत्तर भारत में कडाके की ठंड व शीतलरह का प्रकोप चल रहा है। पिछले काफी वर्षो के ठंड के रिकाॅर्ड इस बार धराशायी हो रहे है। शिमला और श्रीनगर के बराबर की सर्दी इस समय मैदानी क्षेत्र सहारनपुर व मुज्जफ्फरनगर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा, राजस्थान में पड रही है। जिसके चलते स्कूल और काॅलेजों में छुट्टियां चल रही है। इन हालातों को देखते हुए सैलानी इस बार अधिकांश बैगंलरू, उडीसा मुंबई की तरफ अपना ज्यादा रूख कर रहे है। इसका एक उदाहरण अुनच्छेद-370 हटने के बाद भी क्रिसमस पर पिछले 30 वर्षो में सबसे कम पर्यटक कश्मीर पंहुचे है। दिसंबर की बात करे तो औसतन रोजाना 300 सैलानी ही कश्मीर गए है। उधर ट्रेवल एंजेटो से जब बात की गई तो उन्होनें बताया कि शिमला, गोवा, मनाली, श्रीनगर में अधिक ठंड को देखते हुए सैलानियों का रूख दक्षिण भारत की और हुआ है। अधिकांशतः सैलानियों द्वारा होटलों की बुकिंग उधर ही कराई है।
क्या कहते है सैलानी -
इस बार सहारनपुर से बंगलरू नववर्ष मनाने पंहुचे सरदार अरविन्दर सिंह, शमशेर खान, यमुनानगर से गिफ्टी सिंह, देहरादून से निश्चल चैधरी, नीरज चैधरी, गौरव राणा आदि का कहना है कि पहाडी क्षेत्र में बर्फ अधिक पडने व पारा माइनस में चले जाने के चलते उन्होनें पहली बार इस सीजन में दक्षिण भारत का रूख नववर्ष पर किया है।
कैसा रहेगा मौसम -
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो आगामी 31 दिसंबर तक धुंध गहराएगी। नववर्ष का आगाज भी कडाके की ठंड के साथ होगा। पश्चिम विक्षोभ के असर से पहाडो में एक से 3 जनवरी तक बर्फबारी हो सकती है। मैदानी इलाकों में 5 जनवरी तक कडाके की ठंड देखने को मिल सकती है।