अरविंद सिसौदिया।
उत्पीडन से तंग गांव शिमलाना के एक किसान के बेटे ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर लिया। बिजली विभाग गांव शिमलाना निवासी किसान मदनसिंह पर 35 हजार का बकाया बिल जमा करने का दबाव बना रहा था। किसान बरसात में पैसा न होने की बात कहकर कुछ समय बाद पैसा जमा करने की बात कर रहा था। आरोप है कि बिजली जेई ने किसान पर दबाव बनाने के रविवार को उसके खिलाफ थाने पर मुकदमा दर्ज कराया दिया। शाम को ही पुलिस व जेई उसके घर पर दबिश देने गयी। तो किसान मदनसिंह घर पर नही मिलने पर पुलिस ने उसके 37 वर्षीय इकलौते बेटे गुलाब उर्फ जोनी को जीप में बैठा लिया। पांच हजार रुपये देने की बात करने लगे। मना करने पर पुलिस ने सुबह पैसा देने की बात कहकर उसे गांव से बाहर छोड दिया। ग्रामीणों का कहना है कि पैसा न देने की हालत में जोनी घर पहुंचकर आत्म हत्या करने के करने के लिये जहरीला पदार्थ का सेवन कर लिया। परिजन उसे देवबंद लेकर पहुंचे जहां चिकित्सकों ने उसे मेरठ रैफर कर दिया। मेरठ के एक अस्पताल में देर रात मौत हो गयी। सुबह ग्रामीणों सहित आसपास के किसानों ने भारतीय किसान संगठन के राष्ट्ीयाध्यक्ष ठा पूरण सिंह के नेतृत्व में कस्बे के महाराणा प्रताप चैक पर शव रखकर नानौता-देवबंद मार्ग को जाम लगाकर प्रदर्शन करने लगे। किसानों के जाम से पुलिस में हडकंप मच गया। आसपास के थानों सहित की फौर्स के पीएसी भी बुला ली गयी। करीब सुबह 9बजे पहुंचे एसडीएम रामपुर व सीओ देवंबद ने किसानों से जाम खुलवाने की अपील की तो किसान उच्चाधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे। बाद में एसपी देहात विद्या सागर मिश्र तथा एसडीओ बिजली सुधीर कुमार मौके पर पहुंचे तो किसानों ने हल्का दारोगा व जेई के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर गिरफतार करने व मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग करने लगे। किसानों के समर्थन के लिये गांव से महिला भी मौके पर पहुंच गयी। बाद में करीब 10.45 बजे एडीएम ई सीबी सिंह ने किसानों के बीच पहुंचें किसानों ने तत्काल ही मांगे पूरी न होने तक जाम खोलने से इंकार कर उन्हे व एसडीओ सुधीर कुमार, एसडीएम रामपुर तथा एसपी देहात विद्या सागर मिश्र को शव के पास ही तेज धूप मे अपने पास बैठकर तत्काल मांगे पूरी करने मांग के साथ बिजली व पुलिस विभाग के विरूद्ध नारेबाजी करने लगे। प्रशासन से कई दोर की बात में किसान अपनी मांगों पर अडिग रहे। प्रशासन ने दारोगा जेपी भास्कर व जेई के खिलाफ धारा 306 व 506 आईपीसी का मामला दर्ज करने की बात कर जाम खोलनी की अपील की। लेकिन किसान मृतक के परिजनों को तत्काल पांच लाख का मुआवजा देने पर अड गये। जाम के छह घंटे बाद करीब सवा बजे एडीएम ई ने दो घंटे में पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आश्वासन देकर जाम खुलवाया। जाम के दौरान अधिकारी किसानों के तेज धूप में पसीना बहाते रहे। बाद में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर चिकित्सय परीक्षण को भेजा है।