• Home
  • >
  • धार्मिक आजादी व शरीयत के खिलाफ है तीन तलाक बिल- नोमानी
  • Label

धार्मिक आजादी व शरीयत के खिलाफ है तीन तलाक बिल- नोमानी

CityWeb News
Wednesday, 31 July 2019 08:11 PM
Views 625

Share this on your social media network

देवबंद तीन तलाक बिल को राज्यसभा द्वारा पास करने को इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम इसे शरीयत व दस्तूर-ए-हिंद के खिलाफ करार दिया। संस्था के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने इस बिल को मजहबी आजादी के खिलाफ बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपील की है कि वे इस बिल को मंजूरी देने के बजाए इसे पुनर्विचार के लिए संसद को वापस भेज दें। बुधवार को जारी किए गए बयान में मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने कहा कि हुकुमत-ए-हिंद के जरिए पार्लियमेंट में पास किया गया तीन तलाक बिल शरीयत-ए-इस्लामी में खुला हस्तक्षेप है। हमारे नजदीक यह बिल नाकाबिल-ए-कबूल, नापसंदीदा और मुस्लिम महिलाओं के हकों के खिलाफ होने के साथ ही कानून, लोकतांत्रिक व्यवस्था और भारतीय संविधान में दी गई मजहबी आजादी के भी खिलाफ है। मौलाना बनारसी ने कहा कि हुकुमत ने मुस्लिम महिलाओं की आवाज को नहीं सुना और अपनी तादाद के जोर पर इसको मंजूर करा लिया। जबकि मुल्क की करोड़ों मुस्लिम महिलाओं ने इस कानून के खिलाफ हस्ताक्षर मुहिम के जरिये राष्ट्रपति को मैमोरेंडम पेश किया था। इसलिए हम इसको नामंजूर करते हैं और राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि भारतीय संविधान में दी गई मजहबी आजादी और लोकतंत्र की सुरक्षा के मद्देनजर इस बिल को मंजूरी देने के बजाए पुनर्विचार के लिए वापस संसद भेज दिया जाए। मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि कहा कि समाज के जिम्मेदारों को इस बात का ख्याल रखा चाहिए कि यह कानून हमारे मुस्लिम समाज पर गलत असर न डाल सके। सभी संगठनों को भी इस सिलसिले में रणनीति तय करनी चाहिए और सोचना चाहिए कि जो कानून जबरन थोपा जा रहा है उसको रोकने को क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

ताज़ा वीडियो


Top 5 News: अब तक की 5 बड़ी ख़बरें
PM Narendra Modi Rally in Saharanpur
Ratio and Proportion (Part-1)
Launching of Cityweb Newspaper in saharanpur
ग्रेटर नोएडा दादरी में विरोध प्रदर्शन - जाम
More +
Copyright © 2010-16 All rights reserved by: City Web