सिटीवेब/अरविंद सिसौदिया।
नानौता। महाशिवरात्रि पर्व 21 फरवरी यानि शुक्रवार को धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। लेकिन इस बार भगवान भोलेनाथ का अभिषेक मौसम में बदलाव आने के चलते बूंदाबांदी के बीच होने की संभावना है। जिसे धार्मिक दृष्टि से काफी शुभ संयोग माना जा रहा है।
महाशिवरात्रि पर महादेव का जलाभिषेक वैसे तो नगर व क्षेत्र के सभी छोटे व बडे मंदिरो में किया जाएगा। लेकिन क्षेत्र के बरसी स्थित महाभारतकालीन मंदिर में श्रद्वालुओं की विशेष भीड रहेगी। जहां पर उत्तर प्रदेश से ही नहीं बल्कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल से श्रद्वालुगण पहंुचते है। इस शिवमंदिर पर करीब 20 हजार से अधिक श्रद्वालुगण अपने परिवार व बच्चों के साथ पंहुचते है। यहां पर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक गुड की भेली, बेर, कद्दू और गंगाजल के साथ किया जाता है।
क्या है इस मंदिर की विशेषता -
इस मंदिर की सबसे पहली विशेषता यह है कि इस शिवमंदिर का मुंह दक्षिण-पश्चिम दिशा की और है। जबकि सभी मंदिरो के मंुह पूरब दिशा की और पाएं जाते है। करीब 5200 से अधिक वर्ष पूर्व महाभारत काल में कौरवों के बडे भाई दुर्योधन ने इसका निर्माण कराया था। इस मंदिर में स्थित शिवलिंग की पिंडी की गहराई आज तक पता नहीं लग पाई है। मंदिर निर्माण के बाद की रात्रि में महाबली भीम द्वारा अपनी गदा के प्रहार से इसका मंुह घुमा डाला था। मान्यता यह भी है कि महाशिवरात्रि के दिन यदि पति-पत्नि निस्वार्थ भाव से व्रत रखकर श्रद्वाभाव से बच्चा होने की प्राप्ति के लिए मनोकामना मांगते है तो उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।
बूंदाबांदी के बने आसार -
मौसम ने एक बार फिर से करवट ली है। नए सिर से आ रहे पश्चिमी विक्षोभ के चलते बुधवार व बृहस्पतिवार की शाम को बादलों ने फिर से करवट ली है। जहंा दिन में तेज धूप के चलते गर्मी बनी रही तो वहीं शाम होते-होते बादलों के छाए जाने से तापमान तेजी से घट गया। मौसम विशेषज्ञ भी आगामी 21 से 23 फरवरी तक कहीं-कहीं बूंदाबांदी व हल्की बारिश की संभावना जता रहे है। जिसके चलते महाशिवरात्रि का त्यौहार बूंदाबांदी के बीच मनाया जा सकता है।