विस्तृत कार्ययोजना बनाकर चलाई जाएंगी सभी गतिविधियां
सहारनपुर। संचारी रोग नियंत्रण अभियान (2019) का तृतीय चरण 2 सितंबर (2019) से 30 सितंबर के बीच आयोजित होगा। इसमें प्रथम और द्वितीय चरण के संचारी रोग नियंत्रण अभियानों की भांति सभी गतिविधियां विस्तृत कार्ययोजना बनाकर संचालित की जाएंगी। इस अभियान की खातिर बनायी जाने वाली कार्य योजना में लक्ष्यों का उल्लेख आवश्यक रूप से किया जाएगा। माह की समाप्ति के उपरांत राज्य मुख्यालय को प्रेषित रिपोर्ट में सभी उपलब्धियां निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष प्रदर्शित की जाएंगी। साफ-सफाई, कचरा निस्तारण, जल भराव रोकने तथा शुद्ध पेयजल उपलब्धता पर विशेष जोर होगा। इसके लिए शामिल किए गए सभी विभागों द्वारा व्यवहार परिवर्तन तथा प्रचार-प्रसार की व्यापक योजना बनायी जाएगी, ताकि जनसामान्य तक सभी जानकारियां सुनिश्चित हो सकें। इस बाबत मंडलायुक्त संजय कुमार ने बताया कि रोगों की रोकथाम के लिए विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय स्थापित किया जाएगा। कमिश्नर ने अपने निर्देश में कहा है कि पूर्व में दिए गए निर्देशों के अनुसार जनपद तथा ब्लाक स्तर पर समन्वय समितियों का गठन कर नियमित अंतराल पर विभिन्न विभागों द्वारा किये गए कार्यों का निष्पादन किया जाएगा। जनपद में रोग की स्थिति की समीक्षा हेतु इन समितियों की बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने महत्वपूर्ण तिथियों को रेखांकित करते हुए कहा कि 27 अगस्त दिन मंगलवार को सभी विभागों द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पर कार्य योजना की फाइल जमा करानी होगी। 28 अगस्त दिन बुधवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संकलित अन्तर्विभागीय कार्ययोजना यूनिसेफ तथा डब्लूएचओ, एनपीएसपी को उपलब्ध कराना होगा। 02 सितम्बर दिन सोमवार को संचारी रोग नियंत्रण अभियान प्रारंम्भ होगा। प्रत्येक सोमवार (समीक्षा बैठक में पाई गयी कमियों पर एक्शन टेकेन रिपोर्ट के साथ) शनिवार तक की गतिविधियों की साप्ताहिक रिपोर्ट को राज्य मुख्यालय भेजना होगा। कमिश्नर ने कहा है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार से संबंधित रोकथाम एवं नियंत्रण गतिविधियों हेतु जनपद, ब्लाक तथा पंचायत/ग्राम स्तरों पर विभिन्न विभागों के बीच समन्वय के लिए नोडल विभाग का काम करेगा। संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार केसेज की निगरानी करेगा। रोगियों के उपचार की व्यवस्था करेगा। रोगियों के निःशुल्क परिवहन हेतु रोगी वाहन सेवा की व्यवस्था करेगा। वाहक नियंत्रण गतिविधियां ग्रामीण क्षेत्रों में वाहक के घनत्व का आकलन, स्त्रोतों में कमी, लार्वारोधी गतिविधियां तथा आवश्यकतानुसार फागिंग का कार्य करेगा। मंडलायुक्त ने पंचायती राज विभाग/ग्राम्य विकास विभाग को निर्देशित किया है कि ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोने, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी हेतु जन-जागरण के लिये प्रचार प्रसार कराएंगे। सामुदायिक वाटर फिल्टर्स, व्यक्तिगत वाटर फिल्टर्स तथा वाटर पम्पयुक्त टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट की स्थापना (माइक्रोफाइनेन्स योजनाओं के द्वारा) कराएंगे। जलाशयों एवं नालियों की नियमित सफाई कराई जाएगी। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग को कहा गया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार हेतु प्रशिक्षण प्रदान करें। शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया कि हर दिन प्रार्थना सभा में बच्चों को मुख्य दिमागी बुखार संदेश बतायें, विशेषकर सुरक्षित पीने का पानी, शौचालय का प्रयोग, खुले में शौच के नुकसान पर जोर दें। दिमागी बुखार पोस्टर को स्कूल में प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित करें। चिकित्सा शिक्षा विभाग को राज्य स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम के सदस्य के रूप में आउट ब्रेक रिस्पांस तथा नीति निर्धारण में सहायता करने के निर्देश दिये गए हैं। कृषि एवं सिंचाई विभाग को जमे हुए पानी में मच्छरों के प्रजनन को रोकने तथा सिंचाई के वैकल्पिक उपायों पर अपनी तकनीकी सलाह देने के लिए कहा है।