स्याना तहसील के अंतर्गत निजी स्कूल में पढ़ रहे छात्र छात्राओं की अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण सहकारी चिकित्सालय स्याना में विद्यालय के कुछ शिक्षको द्वारा भर्ती कराया गया यह क्रम अगले दिन भी बुधवार को बना रहा इतनी बड़ी तादात में बच्चों का स्वास्थ खराब होने पर भी किसी को भी कानो कान खबर नहीं हुई जबकि विद्यालय के निकट पुलिस चौकी स्थित है इस चौकी पर मीडिया द्वारा इस प्रकार की जानकारी लेनी चाही तो चौकी इंचार्ज महोदय द्वारा इस पर अज्ञानता जाहिर की उनके द्वारा बताया गया इस तरह का कोई पकड़ उनके संज्ञान में नहीं है। अगर इतना बड़ा हादसा होता तो इसकी सूचना पुलिस को अवश्य होती तभी इस संबंध में इंचार्ज महोदय द्वारा अपने फोन से विद्यालय के प्रबंधक से बातचीत की गई बात करने के उपरांत इनचार्ज महोदय ने स्वीकार किया की यह घटना सही है इस खबर की जानकारी करने के उद्देश से जब मीडिया द्वारा स्याना के सरकारी अस्पताल में जाकर जानकारी की गई तो फार्मेसिस्ट ने रिकॉर्ड दिखाते हुए बताया कि सात- आठ बच्चे अस्पताल में स्वास्थ खराब होने के कारण भर्ती थे, अब उनकी छुट्टी कर दी गई है इस संबंध में आप डॉक्टर से जानकारी कर ले उन्हीं को इसकी पूरी जानकारी है ।
जब इन बच्चों का कर रहे उपचार डॉ से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि यह संख्या लगभग 18 या 20 है जिनका उपचार किया गया है जब डॉ साहब से पूछा गया कि इन बच्चों को अस्पताल में किसके द्वारा भर्ती कराया गया है तो इसका डॉक्टर साहब द्वारा कहां गया कि भर्ती कराने वाले का कोई भी नाम व पता नहीं दिया गया है ऐसा कोई साक्ष्य अस्पताल में नहीं है।
जब डॉक्टर साहब से यह पूछा गया कि आखिर इतनी तादाद में बच्चों की तबीयत अचानक कैसे खराब हो गई तो इस पर डॉक्टर साहब द्वारा बताया गया कि विद्यालय के समीप एक गंदा नाला गुजर रहा है जिसमें काफी विशैला गंदा पाली बहता है जोकि स्वास्थ के लिए हानिकारक है । दूसरा यह भी बताया कि गर्मी अधिक होना भी इसका कारण हो सकता है । किंतु यह एक गंभीर विषय हैं कि यह घटना केवल एक ही विद्यालय में बार-बार हुई और इस घटना के बारे में किसी को भी सूचना नहीं है अत्यधिक आश्चर्य की बात यह भी है कि जब स्याना की थानाध्यक्ष से जानकारी की गई तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है इलाज कर रहे डॉ साहब से पूछा गया कि क्या यह प्रकरण की जानकारी पुलिस को दी गई है या नहीं तो डॉक्टर साहब ने बताया कि इसकी कोई भी सूचना पुलिस को नहीं दी गई है
जैसे ही इतनी जानकारी एकत्र हुई तो कुछ लोगों ने इस खबर को महत्व न देने का दवा बनाया यह अपने आप को हिंदुस्तान , दैनिक जागरण तथा पंजाब केसरी समाचार पत्रों का पत्रकार बता रहे थे जब उनसे यह पूछा गया कि आप अगर पत्रकार है तो अपना आई कार्ड अथवा आथर्टी लैटर दिखा दे किंतु उनके पास कुछ नहीं था , ना ही ये यह साबित कर पाए कि वह पत्रकार है । इनके द्वारा कहा गया कि हम इस खबर को आने वाले अंक मे प्रकाशित कर देंगे यह सब हमारे संज्ञान में हैं आप इस खबर से संबंधित समझ दस्तावेज हमें सौंप दे । ऐसा ना करने पर इन लोगों ने प्रपंच रखकर अपने कुछ चाहेतो का सहारा लेकर खबर को दबाने का प्रयास किया यह एक निंदनीय कृत्य हैं आखिर बच्चों के स्वास्थ्य से कब तक खिलवाड़ होता रहेगा सूचना होने के बावजूद भी आखिर प्रशासन द्वारा इस पर क्यों संज्ञा नहीं लिया गया है।
रिपोर्ट- उदय यादव, लाइव TV न्यूज, city web, news