-मिल जीएम ने कहा कि ब्वाॅयलर खराबी रहा प्रमुख कारण
-इस सत्र में अभी तक 9.60 लाख कुंतल गन्ना पेराई हुआ
सिटीवेब अरविंद सिसौदिया।
नानौता। गन्ने से निकल रही कम रिकवरी किसान सहकारी चीनी नानौता मिल प्रबंधन की चिंताएं बढा रही है। क्योंकि एक महीने से अधिक चीनी मिल चले हुए हो गया है। लेकिन रिकवरी फिलहाल 8.81 प्रतिशत ही बनी हुई है। जिससे चीनी मिल को फायदा होने के बजाए नुकसान उठाना पड रहा है। हांलाकि गन्ना किसानों का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
पिछले पेराई सीजन से है काफी कम -
चीनी मिल प्रंबधक डा. प्रंशात कुमार ने बताया कि चीनी मिल गन्ने में शुक्रोज की मात्रा कम सीजन के शुरूआत में ही निकलती है। ज्यों-ज्यों पेराई सत्र आगे बढता है गन्ने मंे मिठास यानि शुक्रोज की मात्रा भी बढ जाती है। उन्होनें रिकवरी कम आने का एक कारण मिल का ब्वाॅयलर खराबी भी माना है। फिलहाल दो दिन से रिकवरी 9.65 प्रतिशत आई है। उन्होनें उम्मीद जताई कि रिवकरी आगे बढेगी। उन्होनें बताया कि गुरूवार को मिल में खराब चल रहा ब्वाॅयलर भी चल जाएगा। जबकि पिछले एक महीने के अनुपात निकाले तो औसतन 8.81 रिकवरी बन पाई है। जबकि गत सीजन में औसतन रिकवरी 9.35 प्रतिशत रही थी।
मिल में 9.60 लाख कंुतल गन्ना पेराई हुई -
चीनी मिल प्रधान प्रबंधक ने बताया कि गत 33 दिनों में मिल द्वारा करीब 9 लाख 59 हजार 300 कंुतल गन्ना पेराई कर दी है। जबकि अभी तक 76 हजार 780 चीनी बोरों का उत्पादन हो चुका है।
क्या होती है रिकवरी -
गन्ने में से प्रति कुंतल 8.81 प्रतिशत शुक्रोज की मात्रा निकलने का अर्थ है कि प्रति कुंतल गन्ने से 8.81 किलो ही चीनी प्राप्त हो रही है। जबकि माना जाता है कि यदि प्रति कुंतल गन्ने से 9 प्रतिशत से कम चीनी की मात्रा मिलती है तो इससे शुगर मिल को फायदा नहीं नुकसान सहना पडता है।