नई दिल्ली। दिल्ली की निर्भया से गैंगरेप और जघन्य हत्या के दोषी अक्षय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर अजीबोगरीब तर्क देते हुए सजा-ए-मौत से राहत की मांग की है। अक्षय ने अपनी याचिका में कहा कि दिल्ली की हवा और पानी में वैसे ही इतना प्रदूषण है कि लोग ज्यादा नहीं जी पा रहे हैं, फिर मौत की सजा की क्या जरूरत है? अक्षय ने हास्यास्पद तर्क देते हुए कहा, श्ऐसे बहुत कम लोग हैं, जो 80 से 90 साल की आयु तक पहुंच पा रहे हों।श्अक्षय ने अपनी अर्जी में कहा, श्हम जब अपने आसपास देखते हैं तो पता चलता है कि कोई इंसान जिंदगी में विपरीत स्थितियों का जब सामना करता है तो फिर वह एक शव जैसा ही हो जाता है।श् उसने कहा कि यह ध्यान रखने की जरूरत है कि दिल्ली एक गैस चेंबर में तब्दील हो चुकी है। इस तथ्य की तस्दीक खुद भारत सरकार ने ही अपनी एक रिपोर्ट में की है। हर कोई जानता है कि दिल्ली की हवा और पानी कितना खराब हो चुके हैं। अक्षय ने कहा, श्दिल्ली की हवा और पानी खराब होने के चलते जिंदगी लगातार कम हो रही है। ऐसे मौत की सजा की क्या जरूरत है।श्यही नहीं, जघन्य घटना के दोषी अक्षय ने महात्मा गांधी की भी एक टिप्पणी का जिक्र किया। उसने सुप्रीम कोर्ट को दी अपनी अर्जी में लिखा, श्गांधी जी हमेशा कहते थे कि कोई भी फैसला लेने से पहले सबसे गरीब व्यक्ति के बारे में सोचें। यह सोचें कि आखिर आपका फैसला कैसे उस व्यक्ति को मदद करेगा। आप ऐसा विचार करेंगे तो आपके भ्रम दूर हो जाएंगे।श्तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फांसी देने के लिए हमारे पास पांच रस्सी अभी हैं लेकिन हम बक्सर प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं। वहां से फांसी देने वाली स्पेशल 11 रस्सी मंगाए जाने की बात है। इन्हें जल्द मंगा लिया जाएगा क्योंकि अगर इन चारों को फांसी दी जाती है तो तिहाड़ जेल के पास जो पांच रस्सियां हैं। वह कम पड़ जाएंगी। इनमें से एक-दो रस्सी से ट्रायल भी किया जाना है।