अनजाने में भारत-पाक सीमा पार करने के कारण पाकिस्तानी सैनिकों की गिरफ्त में आए सेना के जवान चंदू चव्हाण की जल्द रिहाई हो सकती है। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने बृहस्पतिवार को यह संकेत दिया। उन्होंने मुंबई में मझगांव डॉक लि. (एमडीएल) में स्कॉर्पीन पनडुब्बी खांदेरी के जलावतरण के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारतीय सैनिक चंदू चव्हाण को रिहाई की प्रतिबद्धता जताई है।
पाकिस्तान ने सेना के जवान चंदू चव्हाण की रिहाई का वादा किया है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि पाक में नए सेनाध्यक्ष का नजरिया भारत के प्रति बदला है और यह पाक के रुख में नरमी का संकेत भी माना जा रहा है। बृहस्पतिवार को डॉ.भामरे ने कहा कि चंदू चव्हाण जीवित हैं और जांच के बाद जल्द ही उनकी रिहाई की उम्मीद है।
चंदू की रिहाई सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है
डीजीएमओ (सैन्य अभियानों के महानिदेशक) स्तर पर उनकी रिहाई सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक डीजीएमओ ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ कम से कम 20 से 22 बार बातचीत की है। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले ही डीजीएमओ स्तर पर चंदू चव्हाण की रिहाई की बात हुई है।
पाकिस्तान ने कहा है कि जांच खत्म हो रही है और चंदू चव्हाण को जल्द रिहा किया जाएगा। 37 राष्ट्रीय राईफल्स में तैनात 22 वर्षीय चंदू चव्हाण महाराष्ट्र के धुलिया जिले के बोरविहिर गांव के निवासी हैं और संयोग से डॉ. भामरे उस लोकसभा क्षेत्र के सांसद है। डॉ. भामने ने कहा कि मैं उनके परिवार के साथ नियमित संपर्क में हूं।