नोएडा। प्रेमिका से शादी करने के लिए अपनी ही मौत का नाटक रचने वाले आरटीआई कार्यकर्ता को नहीं पता था कि उसे उम्र कैद की सजा मिलेगी। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसी मामले में उसकी प्रेमिका को 2 वर्ष की सजा हुई है। आरोपी पहले से ही शादीशुदा था, उसने एक विक्षिप्त व्यक्ति की हत्या कर उसे अपनी कार में जला दिया था और अपनी मौत का स्वांग रचा था। बाद में पुलिस ने उसे बेंगलुरु से उसकी प्रेमिका के साथ गिरफ्तार किया था। अपर शासकीय अधिवक्ता हरीश सिसोदिया ने बताया कि साल 2014 के 1 मई को थाना कासना क्षेत्र के जेपी ग्रीन के पास एक कार में एक व्यक्ति जला हुआ मिला। मृतक की शिनाख्त चंद्र मोहन शर्मा के रूप में हुई और इस मामले में उसकी पत्नी सविता शर्मा ने कासना गांव के रहने वाले 4 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। सविता का आरोप था कि उसके पति आरटीआई कार्यकर्ता हैं, तथा गांव में कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से मंदिर का निर्माण किया गया है। इस मामले में उन्होंने आरटीआई डाली थी और उसी का बदला लेने के लिए उनकी हत्या की गई है। उन्होंने बताया कि बाद में पुलिस ने जांच के दौरान बेंगलुरु से चंद्र मोहन शर्मा व उसकी प्रेमिका प्रीति नागर को जिंदा गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान चंद्रमोहन ने पुलिस को बताया कि वह प्रीति से प्रेम करता है और अपनी मौत का स्वांग रचकर वह प्रीति के साथ शादी करके यहां से दूर रहना चाहता था। सिसोदिया ने बताया कि पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ की दलील सुनने के बाद जज निरंजन कुमार ने इस मामले में चंद्रमोहन को आजीवन कारावास तथा 50,000 का जुर्माना लगाया है, जबकि उसकी प्रेमिका प्रीति नागर को 2 साल की सजा सुनाई गई है।