गौरी वर्मा
सिटी वेब न्यूज़। लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। सभी प्रमुख दल जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं कि, समय रहते हवा का रुख भांप सकें। इसके लिए उनकी नजर ऐसे मुद्दों पर टिकी है, जो हर बार चुनाव में मतदाताओं के रुझान को प्रभावित करते हैं। इन्हीं में एक प्रमुख मुद्दा शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था से भी जु़ड़ा है, जिसके चलते आम लोगों को तमाम परेशानियों से जूझना पड़ता है। इसके बावजूद समस्या का स्थाई हल निकलने के लिए आज भी कोई ठोस कदम उठाए जाने का इंतजार जस का तस बरकरार है। जाहिर है कि, ऐसे में यदि इस बार भी हमेशा की तर्ज पर चुनाव में बिगड़ी यातायात व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई तो स्थिति में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद रखना कुल मिलाकर बेमानी ही साबित होेगा।
सहारनपुर लोकसभा सीट पर 18 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इसेे लेकर तमाम प्रमुख दल तैयारियों में जुटे हैं। ऐसे में, देश और प्रदेश के तमाम मुद्दों के बीच शहर की जनता से जुड़ा जाम और अतिक्रमण का मुद्दा मंुह बाए खड़ा है, जिसे चुनाव में बनाने की भुनाने की कोशिश भी की जा सकती है।
हालांकि, अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने इस दिशा में कोई ठोस रणनीति बनाने का संकेत फिलहाल नहीं दिया है। लेकिन जनता की परेशानियों को देखें तो निश्चित रूप से यह मुद्दा चुनाव में अहम भूमिका निभा सकता है।
शहर में मुख्य रूप से घंटाघर, भगत सिंह मार्ग, कोर्ट रोड, नेहरु मार्केट, शहीदगंज, मोरगंज, रायवाला और रानी बाजार समेत तमाम प्रमुख इलाके अरसे से अतिक्रमण की चपेट में हैं। इन सभी स्थानों पर हर दिन घंटों तक लोग जाम से जूझते रहते हैं। लेकिन कोई भी इस पर ध्यान नहीं देता। सरकारी महकमों को छोड़िये, जनता से हर बार चुनाव में वोट मांगने वाले नेता भी इस बेहद गंभीर मुद्दे को लेकर पूरी तरह संवेदनहीन बने हुए हैं। यही वजह है कि, इस बार चुनाव में यह मुद्दा अहम् भूमिका निभा सकता हैै। यह बात दीगर है कि, अभी तक चुनाव में किसी भी स्तर पर इसकी गूंज सुनाई नहीं दे रही।
दूसरी ओर, इस बाबत पुलिस प्रशासन की ओर से हमेशा की तरह स्थिति में जल्द अपेक्षित सुधार के दावे दोहराए जानेे का सिलसिला भी यथावत कायम है। इस बाबत, एसपी सिटी विनीत भटनागर कहते हैैं कि, यातायात पुलिस का पूरा अमला शहर के सभी क्षेत्रों में जाम की समस्या पर काबू पाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। शहरवासियों को भी इसमें यथासंभव सहयोग करना चाहिए ताकि, आपसी तालमेल के आधार पर समस्या को उभरने ही न दिया जाए।
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