जितेंद्र मेहरा।
सहारनपुर। शुक्रवार को जनपद के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सुपोषण बाल उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में 6 से 8 माह के बच्चों का अन्नप्रशासन संस्कार किया गया। इसके अलावा बच्चों को एक जगह बैठाकर सामूहिक रूप से खाना खिलाया गया। कार्यक्रम में छोटे बड़े करीब 55 बच्चे शामिल हुए। कार्यक्रम में पोषाहार से बने व्यंजनों का प्रदर्शन स्टाल पर भी किया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने बताया कि मुजफ्फराबाद आंगनबाड़ी केंद्र सहित जनपद के सभी केन्द्रों पर सुपोषण दिवस मनाया गया। जिसमें छह माह के सभी बच्चों को पोषाहार के रूप में मीठा दलिया खिलाकर अन्नप्राशन किया गया। इसके अलावा बच्चों एवं उनकी माताओं को पोषाहार वितरित कर पोषाहार के बारे में परामर्श भी दिया गया। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और बच्चों को पोषाहार वितरित किया गया। उन्होंने बताया कि पोषाहार गर्भवती, धात्री माताओं और बच्चों के लिए लाभप्रद है, जो पोषक तत्व प्रदान करता है और कुपोषण से बचाता है। उन्होंने बताया कि छह माह के सभी बच्चों का अन्नप्राशन किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सभी महिलाओं खासकर धात्री महिलाओं को संतुलित भोजन जैसे दाल, हरी सब्जी एवं चतुरंगी व्यंजन के बारे में परामर्श दिया गया। ताकि महिलाओं में पूरक तत्व की कमी को पूरा किया जा सकता है। कार्यक्रम में माताओं को बताया गया कि छह माह तक सिर्फ स्तनपान ही कराना चाहिए। क्योंकि मां का दूध शिशु की सब जरूरतें पूरी करने में सक्षम होता है। वहीं छह माह पूर्ण हो जाने के बाद बच्चों में शारीरिक, बौद्धिक विकास एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को ध्यान में रखते हुए ठोस या अर्ध ठोस आहार खिलाने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा कार्यक्रम में पहुंची किशोरियों की स्वास्थ्य जांच भी की गयी, जो किशोरियां एनीमिक पाई गई हैं, उन्हें आयरन की गोलियां दी गईं। खान-पान दुरुस्त रखने की सलाह दी गई। उन्हें बताया गया कि वह जितना पौष्टिक आहार लेंगी उतना ही उनका स्वास्थ्य दुरुस्त रहेगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि मुजफ्फराबाद के एक आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषण वाटिका भी बनाई गई। पोषण माह अभियान के तहत स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से तैयार की गई नर्सरी से करीब 4000 पौधे लेकर उनका वितरण किया गया। इसमें राष्ट्रीय आजीविका मिशन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर दो-दो सहजन के पौधे लगाने के निर्देश आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए गए हैं। कई केंद्रों पर ये पौधे रोप भी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि लगभग सभी केंद्रों पर पोषण वाटिकाएं बना दी गई हैं।
आयरन की गोली लेने से हुआ फायदा-
मुजफ्फराबाद निवासी 15 वर्षीय सुनीता रानी ने बताया कि वह एनीमिक थी, पिछले दिनों वह जब किशोरी दिवस में आयी तो उसकी जांच की गयी, जिसमें उसका हीमोग्लोबिन कम निकला। तब उसे खाने को आयरन की गोली दी गयीं। गोलियों के सेवन के बाद उसे बहुत फायदा हुआ। अब दोबारा जांच में उसका हीमोग्लोबिन ठीक आया है। सुनीता ने बताया कि अब उसे पौष्टक आहार के बारे में जानकारी हो गयी है, वह उसी हिसाब से अपने खाने पर ध्यान देने लगी है।