जितेंद्र मेहरा।
साढोली कदीम। साढोली कदीम क्षेत्र के ग्राम मरवा में रामलीला कमेटी के द्वारा आयोजित रामलीला मंच से दर्शकों को राम भरत मिलाप,सूपर्णखा के नाक कटने व रावण द्वारा माता सीता का हरण कर ले जाने का भावमय मंचन दर्शकों को दिखाया गया। इस मंच का उद्घाटन कर्मसिंह सैनी,रामकुमार सैनी,तेलूराम सैनी,प्रदीप शर्मा,राजेन्द्र शर्मा,नरेन्द्र शर्मा,बबलू शर्मा आदि ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। रामलीला मंच से सर्वप्रथम भरत को राम के वनवास जाने का पता चलने पर भरत राम को कहते है कि अयोध्या पर केवल राम का ही अधिकार हैं और केवल वनवास के 14 वर्षों की समय अवधि तक ही मैं भरत उनके राज्य का कार्यभार संभालूँगा और इस कार्य भार को सँभालने के लिए आप श्री राम मुझे आपकी चरण पादुकाएं मुझे दे दीजिये।मैं इन्हें ही सिंहासन पर रखकर आपको महाराज मानकर आपके प्रतिनिधि के रूप में 14 वर्षों तक राज्य काज पूर्ण करूंगा। परन्तु जैसे ही 14 वर्षों की अवधि पूर्ण होगी आपको पुनः अयोध्या लौट आना होगा अन्यथा मैं अपने प्राण त्याग दूंगा का मंचन और उसके बाद लंकापति रावण की बहन सूपर्णखा की नाक काटने का भावमय दृश्य दर्शकों को दिखाया गया।जिसमे इसी मंच पर रावण साधु के भेष में वन में सीता माता के पास पहुंचे और अलक जगाकर भिक्षा मांगने के नाम पर सीता माता के साथ छलकपट करके जटायु का अंत करते हुए उनका हरण कर ले गए।राम भरत मिलाप,सीता हरण के समय दर्शकों की भारी भीड़ रामलीला स्थल पर डटी रही जिनकी तालियों की गड़गड़ाहट से रामलीला स्थल गूंज रहा था।इसी बीच कलाकारों ने हास्य नाटक व नृत्य कलाकार ने भी अपनी कला का प्रदर्शन कर दर्शकों का मन लुभाया।इस मंच पर राम का रोल डा सुधीर गुप्ता,लक्ष्मण दीपक शर्मा,सीता सिद्धांत,भरत विशांक गुप्ता,रावण प्रदीप सैनी,जटायु निखिल गुप्ता आदि कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे है।रामलीला में राम का किरदार निभा रहे डॉ सुधीर गुप्ता ने बताया कि उनके गॉव में सन 1978 से रामलीला का मंच लगातार हर वर्ष लगता आ रहा है।जिसके पीछे उनका उद्देश्य बच्चो को बुराई छोड़ अच्छाई के रास्ते पर चलना,अहंकार न करना,सत्य के मार्ग पर चलना आदि की अच्छी शिक्षा देना है। इस मोके पर ग्राम प्रधान अनुज सिंघल, घनश्याम शर्मा, नकली राम सैनी, दिनेश सिंघल, मोहन गुप्ता, अमित शर्मा, प्रदीप, अंकित, वरुण गुप्ता, रजत, सन्नी, रमेश सैनी, विशाल, राहुल सैनी, पंकज, मुकेश, अक्षय सैनी, दीपक गोयल आदि के साथ क्षेत्रीय लोग भी मोजूद रहे।