रेलवे मंत्रालय ने विश्वस्तरीय सुविधाओं से स्टेशनों को लैस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को इस सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत तैयार योजना को लांच किया। बृहस्पतिवार से रेलवे निविदा लेना शुरू कर देगा। रेलवे की यह योजना एक लाख करोड़ रुपये की सबसे बड़ी पीपीपी योजना है।
पहले चरण में फरीदाबाद, जम्मू-तवी समेत 23 स्टेशनों का दोबारा नए सिरे से विकास का काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली के बिजवासन, आनंद विहार, अमृतसर और चंडीगढ़ रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधा से लैस किया जाएगा।
देश के चुनिंदा 400 रेलवे स्टेशन को इस विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करने का खाका रेलवे मंत्रालय ने तैयार कर लिया है। रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक स्टेशन पुनर्विकास की श्रेणी में चयनित किए गए 400 स्टेशनों को मिलाकर कुल 2200 एकड़ जमीन है, जिसका विकास किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट को लांच करने के दौरान प्रभु ने कहा कि सभी रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा। ताकि सरकार को राजस्व का फायदा मिलने के साथ यात्रियों को सुविधाएं मिले। प्रभु ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्टेशनों के विकास की जानकारी रेलवे अधिकारियों को दिए। पारदर्शिता के लिए निविदा प्रक्रिया मॉडिफाइड स्विस चैलेंज पद्धति से किया जाएगा।
क्या होगी सुविधा
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आर के कुलश्रेष्ठ ने उत्तर रेलवे के मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बताया कि पहले चरण में 23 स्टेशनों के पुनर्विकास को लांच किया जा रहा है। दूसरा चरण जून में शुरू किया जाएगा। इस दौरान 100 स्टेशनों के विकास के लिए टेंडर किया जाएगा, तीसरे चरण में 250 स्टेशनों के विकास के लिए चयन किया जाएगा। यह प्रक्रिया दिसंबर में पूरी कर ली जाएगी। इसके लिए रेलवे ने बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप को बतौर सलाहकार नियुक्त किया है।
रेलवे स्टेशन पर डिजिटल साइन बोर्ड, एस्केलेटर, एलीवेटर, सेल्फ टिकटिंग काउंटर, फ्री व पेड वाई-फाई, दवा की दुकान, एग्जीक्यूटिव लाउंज, लगेज स्कैनर मशीन, पैदल रास्ते, रेलयात्रियों के लिए होल्डिंग एरिया, बड़ी और नई तरह की छत, बेहतर फर्श, बैट्री रिक्शा, एंबुलेंस की सुविधा मिलेगी। इस कार्यक्रम से देश के 100 शहरों और एक करोड़ 60 लाख रेलयात्रियों को फायदा पहुंचेगा।
रेलवे का सबसे बड़ा पीपीपी प्रोजेक्ट
कुल एक लाख करोड़ रुपये की यह योजना देश की सबसे बड़ी पीपीपी योजना होगी। रेलवे की 2200 एकड़ भूमि 45 साल के लिए निजी डेवलपरों को दी जाएगी। स्टेशनों के समीप वाला खाली जमीन का वाणिज्यिक उपयोग डेवलपर करेंगे। वैश्विक मानकों और डिजाइन के आधार विकसित किया जाएगा।
पहले चरण में विकसत होने वाले स्टेशन
बिजवासन, आनंद विहार, चंडीगढ़, अमृतसर, फरीदाबाद, जम्मूतवी, बांद्रा टर्मिनस, बंगलूरू कैंट स्टेशन, भोपाल, बोरिवली, चैन्नई सेन्ट्रल, हावड़ा, इंदौर, कामाख्या, कोझिकोड, लोकमान्य तिलक टर्मिनस, मुंबई सेंट्रल, पुणे, रांची, सिकंदराबाद, ठाणे, उदयपुर सिटी, विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम और यशवंतपुर रेलवे स्टेशन शामिल हैं।