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राहुल गांधी ने कहा, 'न्याय योजना' का बोझ मध्यम वर्ग पर नहीं पड़ेगा; नोटबंदी को बताया 'विध्वंसकारी'

CityWeb News
Friday, 05 April 2019 10:45 PM
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पुणे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी का घोषणापत्र भारत के लोगों की सोच की अभिव्यक्ति है और उन्होंने गरीबों के लिए 'न्याय या न्यूनतम आय योजना' से मध्यम वर्ग पर बोझ पड़ने की बात को खारिज कर दिया। गांधी ने कहा कि अगर उनकी कांग्रेस पार्टी सत्ता में आयी तो गरीब परिवारों को न्यूनतम आय के तौर पर हर साल 72,000 रुपये देगी जिससे करीब 25 करोड़ लोगों को फायदा होगा। इस कदम को उन्होंने गरीबी पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' बताया है।
पुणे में छात्रों से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें बिना सोचे-समझे बयान देना पसंद नहीं हैं। उन्होंने कहा, ''सभी पक्षकारों से विचार विमर्श के बाद घोषणापत्र तैयार किया गया है। न्याय योजना को लागू करने के लिए मध्यम वर्ग पर आयकर नहीं लगाया जाएगा और आयकर को नहीं बढ़ाया जाएगा।
न्यूनतम आय गारंटी योजना से राजकोष में 3.26 लाख करोड़ रुपये का खर्च बढ़ने का अनुमान है। इस योजना की आलोचना कर रही भाजपा ने पूछा है कि इसके लिए पैसा कैसे आएगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि न्याय योजना को लागू करने का बोझ मध्यम वर्ग नहीं उठायेगा। चिदंबरम ने ट्वीट किया, ''मैंने संवाददाता सम्मेलन में पहले ही कह दिया था कि मध्यम वर्ग पर कर का बोझ नहीं बढ़ने दिया जाएगा। यह हमारा वादा है।"
आरजे मलिश्का और अभिनेता सुबोध भावे द्वारा आयोजित संवाद में गांधी ने राजनीति से लेकर अपनी निजी जिंदगी और बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ रिश्तों के बारे में कई सवालों के जवाब दिए। उन्हें साहसी बताने वाले प्रियंका के टि्वटर पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने जवाब दिया, ''मैं दृढ़ हूं, मैं कमजोर लोगों के लिए खड़ा हूं।"
गांधी ने नोटबंदी को ''विध्वंसकारी" विचार बताया जिसका अर्थव्यवस्था पर भयंकर असर पड़ा। उन्होंने कहा कि 2016 में घोषित की गई नोटबंदी से जीडीपी वृद्धि में दो प्रतिशत की गिरावट आयी और लाखों नौकरियां गईं। उन्होंने कहा कि पहले योजना आयोग रणनीति संबंधी संस्थान हुआ करता था जबकि उसके स्थान पर बना नीति आयोग केवल कार्यान्वयन और कार्यनीति की बात करता है।
कांग्रेस के घोषणापत्र में मोदी सरकार द्वारा बनाए थिंक टैंक नीति आयोग को हटाने का वादा करने पर एक सवाल के जवाब में गांधी ने कहा, ''हमें रणनीतिक रूप से सोचने वाले संस्थानों की जरुरत है कि राष्ट्रीय स्तर पर क्या किया जाना चाहिए। कार्यान्वयन और कार्यनीति राज्य तय कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वह यह दावा नहीं करते कि उनके पास सभी सवालों का जवाब हैं। उन्होंने कहा, ''मैं चाहता हूं कि आप मुझे असहज महसूस कराएं ताकि मैं वापस जाऊं और सवालों का जवाब तलाशना शुरू करुं।" लोकमान्य तिलक और बाल गंधर्व पर बायोपिक में काम कर चुके भावे ने कहा कि वह उन पर (गांधी पर) बायोपिक में काम करना चाहते हैं और जब यह पूछा कि उसमें हीरोइन किसे होना चाहिए, इस पर गांधी ने कहा, ''दुर्भाग्य से, मैंने अपने काम से शादी कर ली है।"
सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''जो आभासी वास्तविकता में जीना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं। लेकिन कोई भी सच्चाई से नहीं भाग सकता।" उन्होंने कहा, ''अंत में आपको इसका सामना करना पड़ेगा। मैं वास्तविकता में जीता हूं। हिंसा से किसी को फायदा नहीं मिलता। यह केवल विश्वास की झूठी भावना देता है।" एक सवाल के जवाब में गांधी ने कहा, ''मुझे मोदी अच्छे लगते हैं । सच में उनके प्रति मेरे दिल में कोई नफरत या गुस्सा नहीं है।

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