नई दिल्ली(4 जनवरी): रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों से एटीएम में बदलाव करने को कहा है। इकॉनोमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक आरबीआई के ऐसा कहने के पीछे कारण है 200 रुपये के नोटों की सप्लाई बढाना।
- आरबीआई के आदेश पर अमल के लिए बैंकिंग इंडस्ट्री को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक रकम खर्च करनी पड़ सकती है। बैंकों पर यह बोझ ऐसे समय में पड़ने वाला है, जब वे बैड लोन से काफी परेशान हैं।
- इस आदेश से वाकिफ एक बैंकर ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'आरबीआई ने बैंकों और एटीएम मैन्युफैक्चरर्स से कहा है कि वे जल्द से जल्द 200 रुपये के लिए एटीएम में बदलाव करें। हमें 2000 रुपये के नोट के साथ 200 रुपये के नोट की भी जरूरत है। आरबीआई का यह कदम अच्छा है।' उन्होंने बताया कि इस प्रॉजेक्ट को पूरी तरह लागू करने में 5-6 महीने लग सकते हैं। रिजर्व बैंक ने इस खबर के लिए ईमेल से पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया।
- हिताची पेमेंट सर्विसेज के एमडी एंटनी ने कहा, 'इस बार पूरी योजना के साथ एटीएम में बदलाव किया जाएगा। पहले हम एटीएम क्लस्टर की पहचान करेंगे और उसके बाद उनमें 200 रुपये के नोट के लिए बदलाव किए जाएंगे। अगर जल्दबाजी में यह काम किया जाता है तो इससे कॉस्ट अनुमान से अधिक हो जाएगी। हालांकि, हम पूरी योजना के साथ यह काम करने जा रहे हैं।'