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स्वाइन-फ्लू से बचाव के लिए तैयारी शुरू

CityWeb News
Wednesday, 04 December 2019 07:18 PM
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-सीएमओ ने दिये अलग से वार्ड बनाए जाने के निर्देश
-दिसंबर से अप्रैल तक इस फ्लू का होता है ज्यादा संक्रमण
सिटीवेब/एसएल कश्यप।
सहारनपुर। सर्दी शुरू होने से डेंगू से काफी हद तक छुटकारा मिल गया है, लेकिन अब स्वाइन फ्लू का खतरा मंडराने लगा है। चिकित्सकों के अनुसार दिसंबर से अप्रैल तक स्वाइन फ्लू का संक्रमण सबसे ज्यादा होता है। इसे लेकर शासन भी गंभीर है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को सख्त निर्देश दिये हैं।
सीएमओ डा.बीएस सोढ़ी ने बताया सभी सरकारी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की दवा रखने और अलग से वार्ड बनाए जाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही निजी अस्पतालों को स्वाइन फ्लू का मरीज आने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचना देने के निर्देश हैं। उन्होंने बताया स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है। यह एच1एन1 वायरस के संक्रमण से होता है। स्वाइन फ्लू आम बुखार या सर्दी-जुकाम की तरह होता है। इसका संक्रमण मरीज के खांसने, छीकने और सांस के जरिए फैलता है। स्वाइन फ्लू के सबसे अधिक मामले दिसंबर से अप्रैल तक आते हैं, लेकिन इस रोग से डरने के बजाय समय पर इससे बचाव के तरीकों को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने बताया सर्दी बढ़नी शुरू हो गयी है। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार से लोगों में जागरूकता लाने और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का प्रयोग करने के निर्देश दिये गये हैं। प्राइवेट अस्पतालों को कहा गया है कि वह स्वाइन फ्लू से संबधित मरीजों की जानकारी तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दें। उन्होंने कहा कि जल्द ही स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाकर स्कूली बच्चों को भी इसके प्रति जागरूक किया जायेगा।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
- नाक का लगातार बहना, छींक आना।
- ठंड लगना और लगातार खांसी रहना।
- मांसपेशियों में दर्द या अकड़न।
- सिर में भयानक दर्द, नींद न आना, ज्यादा थकान।
- दवा खाने पर भी बुखार का बढ़ना।
- गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना।
ऐसे होती है जांच
स्वाइन फ्लू के संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति के नाक और थ्रोट स्वेब का सैंपल माइक्रोबायोलॉजी लैब में भेजा जाता है। एलाइजा जांच के बाद पता चलता है कि स्वाइन फ्लू है या नहीं। कई बार निजी लैब में एच1एन1 की पुष्टि हो जाती है। इसके बाद भी आधिकारिक पुष्टि के लिए सरकारी लैब में सैंपल भेजा जाता है। स्वाइन फ्लू एनफ्लुएंजा यानी फ्लू वायरस के अपेक्षाकृत नए स्ट्रेन इनफ्लुएंजा वायरस ए से होने वाला इंफेक्शन है। इसके इंफेक्शन ने 2009 और 2010 में महामारी का रूप ले लिया था।
ये बरतें सावधानी
-स्वाइन फ्लू की आशंका हो तो सरकारी संस्थान में जांच कराएं।
-आराम करना, पानी की कमी न होने देना।
-आसपास कोई खांस रहा है तो एहतियात बरतें।
-हाथों को साबुन से धोएं।

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