सहारनपुर। वैदिक प्रज्ञा संस्था तथा देवी कपूरी वर्मा ट्रस्ट सहारनपुरी के संयुक्त तत्वावधान में आचार्य डा. ओम प्रकाश वर्मा तथा श्रीमती कपूरी वर्मा के स्मृति दिवस पर अथर्ववेद पारायण यज्ञानुष्ठान, सम्मान समारोह तथा कवि सम्मेलन का आयोजन साउथ सिटी में रूडकी से पधारे डा. योगेन्द्र नाथ शर्मा अरूण की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
सर्वप्रथम नजीबाबाद से पधारी विदुषी आचार्या प्रियंवदा तथा ब्रहमा पं.शिवकुमार शास्त्री के सानिध्य में यज्ञानुष्ठन सम्पन्न हुआ। तत्पश्चात गीतकार राजेन्द्र राजन को गीत-गौरव तथा हृदय रोग विशेषज्ञ डा. अजय सिंह को मानव हितैषी सम्मान से सम्मानित किया गया। तत्पश्चात काव्य सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें कवियों द्वारा अपनी रचनाएं प्रस्तुत की गयी जिनमें कवि हरिराम पथिक ने अपनी कविता की कुछ पंक्तियां- मॉ गीता के ज्ञान सी, मॉ मुरली घनश्याम, मॉ केवल अक्षर नहीं, मॉ है अक्षरधाम, डा. विजेन्द्र पाल शर्मा ने आज जब आंगन सुखों के मेघ छाये, हे पिता हरपल मुझे तुम याद आये, राजेन्द्र राजन रिश्ते सहना भी जिम्मेदारी है, चाहे जितनी भी जंग जारी है, कितनी नाजुक घडी की सुईयां हैं, और ये वक्त कितना भारी है, मु0नगर से सुशीला शर्मा -फूल हर किस्म खिले हैं, चमन में किसका है, रंग फजाओं में घुले हैं, चमन ये किसका है, डा. विरेन्द्र आजम-वंदे मातरम गान लिखो तुम, गीता और कुरान लिखो तुम, डा. शिवशंकर यजुवेर्दी-बोल जिनके मधुरतम हुए, काम भी जिनके अनुपम हुए, सच का चूमा जिन्होंने शिखर, वे ही नर से नरोत्तम हुए, रमेश रमन हरिद्वार-तू अगर पुरवाई है तो बादलों के साथ आ, प्यास धरती की बुझा, ये पेड-पौधें, मत हिला, बालेश्वर जैन-हिन्द सागर जब व्यथा से छटपटाता हो, चोट खाकर जब हिमालय तिलमिलाता हो, कौन सा कवि है, कि जो बंसी बजायेगा, जब कि मां की आंख का आंसू बुलाता हो।
डा.योगेन्द्र नाथ शर्मा अरूण रूडकी ले तो सकते हैं, सभी तुम देना सीखो, रो तो सकते हैं सभी तुम सहना सीखो, हास्य कवि शिवराज राजू-पढना-लिखना कुछ नहीं खेल को खूब वाहवाही मिली। पूरा पण्डाल तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा। कार्यक्रम का संचालन डा.रागिनी भूषण तथा डा. विजेन्द्र पाल शर्मा ने संयुक्त रूप से किया। इस कार्यक्रम की व्यवस्था दिनेश राणा, ज्ञानेश राणा, राकेश वर्मा, योगेश राणा, डा.भारत भूषण, कोमल राणा, डा.विनिता राणा, अनिता चौधरी, अक्षत राणा तथा मुदिता राणा ने की। आयोजन में महापौर संजीव वालिया, राजेन्द्र चुघ, डा.रघुवीर सिंह सेनी, अवनीश आर्य, वीरेन्द्र शर्मा के साथ-साथ शताधिक गणमान्य नागरिक मोजूद रहे।