सहारनपुर। जिलाधिकारी श्री आलोक कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कन्या सुमंगला योजना के सफल संचालन हेतु एक आवश्यक बैठक आयोजित की गयी। इस मौके पर उन्होने कहा कि कन्या सुमंगला योजना का मुख्य उददेश्य भू्रण हत्या को समाप्त करना, बाल विवाह की कुप्रथा को रोकना, बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को प्रोत्साहन देना है। उन्होने कहा कि कन्या सुमंगला योजना को छः श्रेणियों में विभाजित किया गया है। प्रथम श्रेणी में एक अपै्रल 2019 या इसके बाद जन्मी बालिकाओं के जन्म पर दो हजार रूपये एक मुश्त मिलेंगे। द्वितीय श्रेणी में एक अपै्रल 2018 या इसके बाद जन्मी बालिकाओं के एक वर्ष का टीकाकरण पूरा होने पर एक हजार एक मुश्त मिलेंगे। तृतीय श्रेणी में बालिका के प्रथम कक्षा में प्रवेश के उपरान्त दो हजार रूपये एक मुश्त मिलेंगे। चतुर्थ श्रेणी में बालिका के छठी कक्षा में प्रवेश के उपरान्त दो हजार रूपये एक मुश्त मिलेंगे। पंचम श्रेणी में बालिका के नंवी कक्षा में प्रवेश के उपरान्त तीन हजार रूपये एक मुश्त मिलेंगे। षष्टम श्रेणी में ऐसी बालिकाएं जिन्होने बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करके स्नातक डिग्री या कम से कम दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया हो, पांच हजार रूपये एक मुश्त मिलेंगे। उन्होने सभी संबंधित विभागों को कन्या सुमंगला योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं पात्रों को लाभान्वित करने के निर्देश दिये है। उन्होने कहा कि प्रथम श्रेणी के लिये आवेदन जन्म से छः माह के भीतर करना अनिवार्य होगा एवं उत्तर प्रदेश का जन्म प्रमाण-पत्र अपलोड करना हेगा। संस्थागत प्रसव (अस्पताल/एम्बुलेंस इत्यादि) का प्रमाण पत्र देना होगा। उन्होने बताया कि आवेदन ऑनलाईन/ऑफलाईन किये जा सकेंगे। ऑनलाइन आवेदन आवेदक स्वयं किसी भी कॉमन सर्विस सेन्टर/साइबर कैफे/स्वयं के स्मार्ट फोन द्वारा कर सकेंगे एवं ऑनलाइन आवेदन के लिये आवेदन फार्म बी0डी0ओ0/एस0डी0एम0/डी0पी0ओ0 कार्यालयों में जमा करने होंगे। उक्त अधिकारी सभी आवेदन पत्रों को डी0पी0ओ0 को अग्रसारित करेंगे, जो इनको ऑनलाइन जमा करें। डाक द्वारा भेजे आवेदन पत्र स्वीकार्य नहीं होंगे। उन्होने पात्रता की शर्तें बताते हुए कहा कि लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी हो। परिवार की अधिकतम आय तीन लाख हो। ऐसे माता-पिता जिनकी केवल दो सन्तानें हों वे ही पात्र होंगे। परिवार की अधिकतम दो बालिकाओं को लाभार्थी बनाया जायेगा। किसी महिला के द्वितीय प्रसव से जुडवा बच्चे होने पर चाहें तीसरी सन्तान लडकी हो या दोनो जुडवा सन्तान लडकियां हों या दोनों प्रसवों को मिलाकर तीनों सन्तान बालिका हो, सभी को लाभ अनुमन्य होगा। परिवार द्वारा अनाथ बालिका को गोद लेने पर परिवार की जैविक एवं गोद ली गयी सन्तानों को मिलाकर अधिकतम दे बालिकाएं ही लाभार्थी होंगी। योजना के क्रियान्वयन के लिये जिला स्तरीय स्वीकृति एवं अनुश्रवण समिति का गठन किया गया है जिसमें जिलाधिकारी अध्यक्ष, मुख्य विकास अधिकारी-उपाध्यक्ष, मुख्य चिकित्साधिकारी, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन), जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सदस्य एवं जिला प्रेबेशन अधिकारी, सदस्य सचिव है। जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा समस्त आवेदन परीक्षण के उपरान्त समिति के सम्मुख प्रस्तुत किये जायेंगे। समिति की स्वीकृति के उपरान्त पात्र आवेदन पत्र भुगतान हेतु मुख्यालय महिला कल्याण को ऑनलाईन प्रेषित किये जायेंगे।उन्होने बताया कि बालिका की अवयस्क होने पर धनराशि पी0एफ0एम0एस0 द्वारा बालिका की माता के खाते में, माता की मृत्यु की दशा में पिता के खाते में, पिता की मृत्यु की दशा में अभिभावक के खाते में (हस्तान्तरित की जायेगी) एवं वयस्क होने पर बालिका के स्वयं के खाते में (हस्तान्तरित की जायेगी)। बैंक का राष्ट्रीयकृत होना अनिवार्य है।