अरविंद सिसौदिया।
नानौता। फाइनेंस कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर दो जिलो के 20 से अधिक लोगों ने लाखों रूपए हडपने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान महिलाओं में आपस में जमकर थप्पड-मुक्के भी चले। मौके पर पंहुची पुलिस ने आरोपी पक्ष के दो लोगों को पूछताछ हेतू हिरासत में लिया है। पीडित लोगों ने थाने पर तहरीर देकर कारवाई की मांग की है।
नानौता नगर के गंगोह रोड स्थित दुर्गा गैस एंजेसी के पीछे बनी कालौनी में एक फाइनेंस कंपनी का दफ्तर बना हुआ है। जहां पर लोगों से धन उगाही कर नौकरी दिलाएं जाने का आश्वासन दिया जाता है। बुधवार को करीब 15-20 पुरूष व महिलाएं पुरूष एकत्रित होकर उक्त फाइनंेस दफ्तर पर पंहुचे। जहंा उन्होनें फाइनेंस कंपनी पर मौजूद कर्मचारियों से अपने अपनी दी गई रकम को ब्याज सहित वापसी की। जिस पर कर्मचारी द्वारा आनाकानी करनी शुरू कर दी। जिस पर वहां मौजूद लोग पवन कुमार, संजय पुत्र राजपाल, रकमसिंह पुत्र जगबीर सिंह, संजय पुत्र भुल्लन सिंह, योगेश पुत्र इसमसिंह, प्रदीप पुत्र कर्ण, विपिन पुत्र रोहताश, हरिओम पुत्र सतीश, अंकुर शर्मा पुत्र रमेश शर्मा निवासी गांव कुरालसी, मुजफ्फरनगर तथा रूकसाना पत्नि जुल्फिकार निवासी गंगोह द्वारा रकम वापसी को लेकर जमकर हंगामा किया गया। इसी दौरान फाइनेंस कंपनी के दफ्तर में मौजूद एक महिला व रकम वापसी को लेकर हंगामा कर रही महिला के बीच हुई कहासुनी आपसी मारपीट में बदल गई। जिनमें जमकर थप्पड-मुक्के चले। इसी बीच वहां मौजूद लोगों द्वारा बीचबचाव कराया गया। तो वहीं सूचना पर पंहुची पुलिस ने पंहुचकर दो फाइनेंस कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया। तो वहीं पीडित पक्ष के लोगों द्वारा इस संबध में थाने पर तहरीर दी गई। इस संबध में थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने बताया कि दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, मामले की जांच कर आगे की कारवाई अमल में लाई जाएगी।
क्या था पूरा मामला -
पीडित लोगों ने बताया कि फाइनेंस कंपनी के दफ्तर पर पिछले करीब 16 महीने पहले सभी लोगों से एक तय रकम लेकर उन्हें दस हजार रूपए प्रतिमाह नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन हरबार उन्हें आश्वासन देकर भेज दिया जाता था। पिछले काफी समय से चल रहे आश्वासन के बाद आज सभी का गुस्सा फूट गया और पीडित लोगों द्वारा अपनी दी गई रकम को ब्याज सहित देने की मांग की गई। जिस पर भी लोगों को फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों द्वारा आनाकानी की जाने लगी थी।