पटना (1 नवंबर): पटना हाईकोर्ट ने राज्य के तकरीबन 3 लाख 51 हजार शिक्षकों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि वे भी समान कार्य के लिए समान वेतन के हकदार हैं। कोर्ट ने ये फैसला द बिहार सेकेंडरी टीचर्स स्ट्रगल कमेटी और अन्य की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनाई करते हुए ये फैसला दिया। कोर्ट ने मानदेय पर नियुक्त शिक्षकों से लिये जा रहे कार्य को मनमाना करार देते हुए उन्हें भी वेतनमान पर कार्यरत सामान्य शिक्षकों की तरह ही सारी सुविधाएं देने का निर्देश सरकार को दिया है।
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया था कि राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों से समान कार्य तो लिया जा रहा है, लेकिन समान वेतन नहीं दिया जा रहा है. उनके साथ वेतन देने के मामले में भेदभाव बरता जा रहा है.
कोर्ट को यह भी बताया गया था कि स्कूलों में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के वेतन से भी उनका मानदेय काफी कम है, जबकि उनसे सामान्य शिक्षकों की तरह ही सभी प्रकार के कार्य लिये जा रहे हैं। कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार पर नाराजगी भी जाहिर की थी।