जितेंद्र मेहरा।
सहारनपुर। संचारी रोग नियंत्रण अभियान का तीसरा चरण 2 सितम्बर से शुरू हो रहा है। इसके लिए जहां स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है, वहीं पार्षदों ने कमान संभाल ली है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीएस सोढ़ी ने अभियान का तीसरा चरण आरंभ होने से पहले हर व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिये हैं। जिला मलेरिया अधिकारी शिवांका गौड़ ने बताया कि शहर के वार्डों के पार्षद व जन प्रतिनिधियों से संपर्क किया गया है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान में जनसहभागिता हो, इस पर गंभीरता पूर्वक विचार किया गया। उन्होंने बताया कि पार्षदों के माध्यम से प्रत्येक वार्ड में फाँगिंग कराई जाएगी। उन्होंने बताया, संचारी रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता आयी है। उन्होंने बताया, संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तीसरे चरण में पहले और दूसरे चरण के अभियानों की तरह सभी गतिविधियां विस्तृत कार्ययोजना बनाकर संचालित की जाएंगी। संचारी रोग नियंत्रण अभियान में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। अभियान के तहत साफ-सफाई, कचरा निस्तारण, जल भराव रोकने तथा शुद्ध पेयजल उपलब्धता पर विशेष जोर होगा। अभियान में 15 विभागों की भागीदारी रहेगी। स्वास्थ्य विभाग संचारी रोगों से संबंधित रोकथाम एवं नियंत्रण गतिविधियों के लिए जनपद, ब्लाक तथा ग्राम पंचायत स्तरों पर विभिन्न विभागों के बीच समन्वय का काम करेगा। संचारी रोगों के केस की निगरानी करेगा। रोगियों के उपचार की व्यवस्था करेगा। रोगियों के निरूशुल्क परिवहन के लिए रोगी वाहन सेवा की व्यवस्था करेगा। वाहक नियंत्रण गतिविधियां ग्रामीण क्षेत्रों में वाहक के घनत्व का आकलन, स्त्रोतों में कमी, लार्वारोधी गतिविधियां तथा आवश्यकतानुसार फाँगिंग का कार्य करेगा।
शिक्षा विभाग प्रार्थना सभा में बच्चांे को करेंगे जागरूक-
शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी होगी कि हर दिन प्रार्थना सभा में बच्चों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक करे, ताकि बच्चे अपने अभिभावकों को भी इस बारे में बताएं। इसके अलावा स्वच्छ पीने का पानी, शौचालय का प्रयोग, खुले में शौच के नुकसान के बारे में भी इन बच्चों को बताया जाएगा। संचारी रोगों के प्रति जागरूक करने वाले पोस्टरों को स्कूलों में प्रमुख स्थान पर लगवाने की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी।
ग्राम स्तर पर भी दी जाएगी जानकारियां
पंचायती राज विभाग-ग्राम्य विकास विभाग की जिम्मेदारी ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोने, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी हेतु जन-जागरण के लिये प्रचार प्रसार कराने की होगी। सामुदायिक वाटर फिल्टर्स, व्यक्तिगत वाटर फिल्टर्स तथा वाटर पम्पयुक्त टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट की स्थापना -माइक्रोफाइनेन्स योजनाओं के द्वारा कराएगा। जलाशयों एवं नालियों की नियमित सफाई का जिम्मा इसी विभाग का होगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग राज्य स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम के सदस्य के रूप में आउट ब्रेक रिस्पांस तथा नीति निर्धारण में सहायता करेगा। कृषि एवं सिंचाई विभाग इकट्ठा हुए पानी में मच्छरों के प्रजनन को रोकने तथा सिंचाई के वैकल्पिक उपायों पर अपनी तकनीकी सलाह देगा।