सुदर्शन कपटियाल।
सहारनपुर। ज्योतिषाचार्यद्व ऋषि गोपाल जी ज्योति शिक्षा केंद्र गोतित राजेश पाल ने बताया कि 5.10.2019 ,आश्विन मास दिन शनि वार, शुक्ल पक्ष, नक्षत्र मुला ,योग शोभन ,करण वणिज,विष्टि, अग्निवास पृथ्वी, अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 44 से 12 बजकर 32, सप्तमी तिथि सप्तमी तिथि को मां सरस्वती का पूजन व भद्रकाली अवतार सप्तमी को मां दुर्गा के सातवीं रूप कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि का रूप बहुत डरावना होता है। परंतु शुभ फल देती है इसलिए मां का दूसरा नाम शुभकरी भी है। मां कालरात्रि यंत्र मंत्र और तंत्र की देवी है मां का रूप रात्रि के अंधकार की तरह बिल्कुल काला होता है। बाल बिखरे हुए गले में बिजली की तरह चमकने वाली माला तीन गोल नेत्र इनका वाहन गधा है। चार भुजाएं दाहिने उठे हाथ में तलवार नीचे वाले हाथ में और वरमुद्रा भक्तों को वर देने के लिए बाये उठे हाथ में लोहे का कांटा नीचे वाले हाथ में कटार मां कालरात्रि के नाम से ही ब्रह्मांड के तमाम असुर ,राक्षस भयभीत होकर भागने लगते है। इस दिन साधक का मन सातवें चक्र सहस्रास चक्र( मस्तिष्क के सबसे ऊपरी हिस्से में होता है) चक्र के खुलने से सिद्धियों के द्वार खुल जाते हैं। मां कालरात्रि की पूजा सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच करनी चाहिए। पूजा के वक्त लाल वस्त्र पहने। मकर व कुंभ राशि वाले जातकों को मां कालरात्रि की पूजा जरूर करनी चाहिए। माता कालरात्रि की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। दुश्मनों का नाश होता है। मां का भोग गुड और तिल के लड्डू हैं। परेशानी हो तो 7 या 9 नींबू की माला मां कालरात्रि पर चढ़ाएं। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।