सहारनपुर। खसरा एक संक्रामक रोग है। इसे जड़ से खत्म करने के लिए सरकार ने ठोस उपाय शुरू किए हैं। सन 2020 तक खसरे का पूरी तरह से खात्मा किये जाने का संकल्प है। अब जिला चिकित्सालय में खसरे का रिकॉर्ड भी रखा जाएगा और सैंपल राज्य मुख्यालय लखनऊ भेजे जायेंगे।
खसरा की गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने पूरे देश से इसे समाप्त करने को कमर कस ली है। पूर्व में खसरा बीमारी के कोई आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं होते थे, लेकिन अब रखना होंगे। खसरा की स्लाइड बनाई जायेगी और प्रयोगशाला में भेजी जाएगी। पूरे जनपद के खसरा रोगियों का आंकड़ा मुख्यालय लखनऊ भेजा जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बीएस सोढ़ी ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चिकित्सा अधिकारियों को पूर्व में इस बाबत ट्रेनिंग दी थी। इसके बाद गत 20 जुलाई से जनपद में अभियान शुरू किया गया। जिस तरह पोलियो को अभियान चला कर देश से समाप्त कर दिया गया। उसी तरह अब सरकार ने खसरा को लेकर भी कमर कस ली है। एसीएमओ डा.सुनील वर्मा ने बताया कि खसरा को लेकर जनपद में अभियान तेज हो गया है। घर-घर जाकर इसके प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पहचान होने पर सैंपल लिए जा रहे हैं। अभी तक शहर और सुनहेटी से दो नमूने लेकर प्रयोगशाला भेजे गए हैं। सरकार की मंशा है कि 2020 तक खसरा का नामोनिशान मिटा दिया जाए।
क्या है इसके लक्षण-
-खसरा संक्रामक रोग है जो पैरामिक्सो वायरस से होता है।
-यह सीधे संपर्क के जरिए या हवा के द्वारा फैलता है।
- बुखार और खांसी, शरीर पर लाल चकत्ते होना
- विशेष रूप से, बुखार लाल चकत्ते से पहले होता है।
- चकत्ते निकलते ही बुखार बढ़ जाता है।
- ये लक्षण प्रायः खसरा वायरस के संक्रमण के एक या दो हफ्ते बाद शुरू होते हैं। इलाज मिलने पर अधिकतर लोग दो या तीन सप्ताह के अंदर ठीक हो जाते हैं।