महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत खर्च की जाएगी धनराशि
सहारनपुर। कुपोषण को पूरी तरह खत्म करने की गरज से सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। इस लिहाज से पोषण अभियान के तहत अब जनपद सहारनपुर के चुनिंदा सरकारी विद्यालयों में पोषण वाटिका बनायी जाएगी। बताया गया है कि जिन स्कूलों में पर्याप्त जगहें होंगी। सुरक्षा की व्यवस्था होगी। अन्य प्रबंध होंगे। वहीं पर पोषण वाटिका बनेगी। दिलचस्प यह है कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत ही धनराशि खर्च की जाएगी। इस बाबत प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने पोषण अभियान के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित किया है।
दिए जाएंगे निःशुल्क बीच और पौधे-
प्रमुख सचिव ने पत्र में कहा है कि बच्चों को मौसमी सब्जियों की उपयोगिता एवं पोषण तत्वों के बारे में बताना तथा उनकी जानकारी बढ़ाना ही पोषण वाटिका का प्रमुख उद्देश्य है। स्वंय सहायता समूहों से भी पोषण वाटिका बनाई जा सकती है। पोषण वाटिका लगाने के लिए उद्यान विभाग निःशुल्क बीज और पौधे उपलब्ध करायेगा। बीज और पौधे के मूल्य के साथ-साथ पोषण वाटिका में आवश्यक मजदूरी का भुगतान ग्राम प्रधान मनरेगा महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से करेंगे।
उपलब्ध करायी जाएंगी हरी सब्जियां-
पोषण वाटिका बड़े काम की होगी। इस वाटिका से कुपोषण के शिकार किशोर-किशोरियों के ऐसे परिवारों को भी सब्जियां उपलब्ध कराई जायेंगी, जो खरीद नहीं पाते या सब्जी खरीदने में सक्षम नहीं होते। एक बार पोषण वाटिका बन जाने से उसके रखरखाव की व्यवस्था प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की होगी। पोषण वाटिका में पैदा होने वाली सब्जियों को बच्चों को मध्याह्न भोजन में परोसा जायेगा। जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि शासन के निर्देश के क्रम में पोषण वाटिका बनाने के लिए विद्यालय के चयन की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। अन्य विभागों से समन्वय स्थापित करने के लिए कहा गया है। पोषण वाटिका बनाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया जायेगा। संबधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य आरभ करें।
ये हैं वाटिका की शर्तें-
सिंचाई के लिए जल स्त्रोत उपलब्ध हो, बलुई-मिट्टी, सूर्य की किरणें पड़ती हों,जहां 200-300 एवं 400 वर्ग मीटर भूमि हो। इन शर्तों को पूरा करने वाले विद्यालयों में ही पोषण वाटिका बन सकेगी।
इन विभागों की होगी सहभागिता-
जिले के सरकारी विद्यालयों में खुलने वाली पोषण वाटिका के लिए बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा, पंचायती राज, ग्राम एवं विकास विभाग, उद्यान विभाग, खाद्य प्रसंस्करण विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की सहभागिता होगी।