नई दिल्ली(25 अक्टूबर): ट्राई ने इंटरनेट टेलीफोनी के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। ऐसे में यूजर्स जल्द ही घर, ऑफिस और पब्लिक वाई-फाई के जरिए किसी भी मोबाइल या लैंडलाइन नंबर पर बिना नेटवर्क के भी कॉल कर पाएंगे।
- ट्राई का मानना है कि मौजूदा लाइसेंसिग फ्रेमवर्क के अनुसार, इंटरनेट टेलिफोनी सर्विस को स्वतंत्र रुप से उपलब्ध कराया जा सकता है।
- पुरानी टेलिकॉम कंपनियों और COAI ने ट्राई के इस कदम का विरोध किया है। उनका मानना है कि इस कदम से वॉयस रेवन्यू पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। कंपनियां कहती हैं कि अगर इंटरनेट टेलीफोनी को पब्लिक नेटवर्क पर उपलब्ध कराया जाता है, तो यह उन ऑपरेटर्स को भारी नुकसान पहुंचाएगा जो वॉयस सर्विस मुहैया करती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे वॉयस ट्रैफिक पब्लिक इंटरनेट पर शिफ्ट हो जाएगा। साथ ही यह भी बताया कि स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स की संख्या बढ़ने के चलते एसएमएस और वॉयस ट्रैफिक एप आधारित सर्विसेज पर शिफ्ट होने लगे हैं जिससे उनके रेवन्यू पर पहले से ही असर पड़ रहा है।
- ट्राई का कहना है कि इस कदम से कॉल सक्सेस रेट में बढ़ोतरी होगी। खासतौर से यह सर्विस खराब या लो नेटवर्क क्षेत्रों में काफी कारगर साबित होगी जहां इंटरनेट सर्विस तो उपलब्ध रहती है लेकिन मोबाइल नेटवर्क नहीं आते हैं। वहीं, टेलिकॉम कंपनियों के विरोध पर ट्राई ने असहमति जताई है। ट्राई का कहना है कि इससे यूजर्स को कॉल करने के लिए ज्यादा विकल्प मिलेंगे।