नई दिल्ली ( 10 नवंबर ): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने शुक्रवार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को बनाने को मंजूरी दे दी। इस एजेंसी को सभी उच्च शिक्षा से जुड़े संस्थानों की प्रवेश परीक्षा लेने का अधिकार होगा। केंद्र सरकार ने वर्ष 2017-18 के बजट में उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए एनटीए के गठन की घोषणा की थी, इसे अब मंजूरी दी गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन यह एक स्वायत्त एजेंसी होगी, जो अपनी खुद की आय से संचालित होगी। कैबिनेट के फैसले पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने कहा है कि यह ऐतिहासिक फैसला और एक बहुत जरूरी शिक्षा सुधार है।
केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एजेंसी के गठन को मंजूरी दे दी है। एनटीए शुरुआत में उन प्रवेश परीक्षाओं का संचालन करेगी जिन्हें अभी सीबीएसई संचालित करती है। बाद में एनटीए सभी प्रवेश परीक्षाओं को आयोजित करने लगेगी।
बता दें कि फिलहाल सीबीएसई देश भर में 10वीं और 12वीं के परीक्षा के अलावा पांच दूसरी परीक्षाओं को भी आयोजित करता है। इसमें ज्वाइंट इंजीनियरिंग एंट्रेंस (जेईई), एनईईटी, यूजीसी के राष्ट्रीय पात्रता टेस्ट (साल में दो बार), केंद्रीय शिक्षक पात्रता टेस्ट (साल में दो बार) और जवाहर नवोदय विद्यालय के लिए प्रवेश परीक्षा शामिल हैं।
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक एनटीए के तहत प्रवेश परीक्षाएं साल में दो बार ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी ताकि उम्मीदवारों को अपने बेहतर नतीजा देने के लिए भरपूर समय मिल सके।
ग्रामीण छात्रों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए एनटीए अपने केंद्र जिला स्तर पर भी स्थापित करेगा और छात्रों को नए सिस्टम के तहत ढालने में उनकी मदद करेगा।