नई दिल्ली ( 28 नवंबर ): उत्तर कोरिया ने लगभग ढाई महीने की शांति के बाद बुद्धवार को जापानी सागर में अपनी ताकतवर बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। इस खबर की पुष्टि साउथ कोरिया के मिलिट्री अधिकारियों ने की है। इस तरह की मिसाइल का परीक्षण किम जोंग उन ने आखिरी बार सितम्बर में कराया था। इस अंतरद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के दायरे में वाशिंगटन समेत अमेरिका के पूर्वी समुद्रीय तट इलाके भी आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि नॉर्थ कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइल के दायरे में अब वाशिंगटन डीसी भी आ गया है।
अब उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट के जवाब में दक्षिण कोरिया ने भी मिसाइल टेस्ट किया है। दक्षिण कोरिया की मिलिट्री ने इसकी पुष्टि की है। अधिकारियों ने कहा कि मिनटों के भीतर ही उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट के जवाब में मिसाइल फायर की गई है।
उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल दागने के बाद जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने कहा कि यह एक हिंसक कार्रवाई है और इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अबे ने तुरंत आपातकालीन यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग बुलाने की मांग की है। अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने भी जापान के सुर में सुर मिलाया है और यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के सेशन की मांग की है। मीडिया रपटों के मुताबिक बुधवार की शाम को यूएन की बैठक हो सकती है।
शिंजो अबे ने कहा कि किसी भी भड़काऊ कार्रवाई के आगे हम नहीं झुकेंगे और प्योंगयांग पर अपना दबाव बनाए रखेंगे। बता दें कि एक हफ्ते पहले ही अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया पर नए प्रतिबंध लगाए हैं और नॉर्थ कोरिया को आतंक का समर्थक देश बताया है।
अमेरिकी मिलिट्री ने भी खबर की पुष्टि की है, मिसाइल लॉन्च के बारे में अमेरिका और जानकारी जुटा रहा है। अमेरिका ने इसे दुनिया के लिए खतरा बताया है।
साउथ कोरिया के मुताबिक, उत्तर कोरिया साल 2018 तक न्यूक्लियर मिसाइल लॉन्च करने में सक्षम हो जाएगा। गौरतलब है कि नॉर्थ कोरिया अपनी मिसाइलों को बेहतर बनाने के लिए लगातार परीक्षण कर रहा है। इसके पहले वह 22 मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है।
अमेरिका के मुताबिक 2018 तक उत्तर कोरिया ऐसे विध्वंसकारी मिसाइलें बनाने में सक्षम हो सकता है जो अमेरिका तक मार करने में सक्षम होंगी। उत्तर कोरिया दिन-ब-दिन अपनी मिसाइल तकनीकि सुधारने पर काम कर रहा है। साल 2017 में उत्तर कोरिया ने ताबड़तोड़ मिसाइल परीक्षण किए हैं।