सहारनपुर। निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस वसूले जाने के मामले को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े कार्यकतार्ओं ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा।
आज संगठन के विभाग संगठन मंत्री विनित ऋषि के नेतृत्व में कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पहुंचे और जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में बताया कि निजी स्कूलों में मनमाने तरीके से फीस वसूलने तथा एक ही चिन्हित पुस्तक भंडारे से पुस्तक खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों का इससे मानसिक व आर्थिक शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार कोई भी निजी स्कूल जून व जुलाई माह की फीस लेते है, तो जिला प्रशासन उन पर कार्रवाई कर संस्था की मान्यता भी रद्द कर सकता है, लेकिन इसके बावजूद भी आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है, वहीं 2017 में उप्र सरकार द्वारा मंजूर अध्यादेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय के अनुसा जो विद्यालय 20 हजार रुपए सालाना फीस के दायरे में आते है, वह सत्र 2015-16 को आधार मानकर केवल 8 प्रतिशत ही फीस वृद्धि कर सकते है, लेकिन जनपद में आदेशों की पूर्णतया धज्जियां उड़ाई जा रही है। अधिकांश स्कूलों में एनसीआरटी की पुस्तकें भी नहीं लगायी गयी है। उन्होंने कहा कि दस दिन के भीतर कोई कानूनी कार्रवाई नही होती, तो अभाविप आंदोलन को विवश होगी। इस दौरान सन्नी सैनी, अंकित सैनी, विपिन सिंघल, अरूण देशवाल, रमेश शर्मा, आशु वालिया, मोहित पंडित, रजत माहेश्वरी, इलमा रानी, प्रियांशु सैनी, पुष्कल आत्रेय, हिमांशु त्यागी, सागर, रितिक सैनी, कार्तिक तोमर, विनित चौधरी, शुभम सैनी आदि मौजूद रहे।