एसएल कश्यप।
सहारनपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 बी0एस0 सोढी, श्रीमती शिवाॅका गौड, जिला मलेरिया अधिकारी सहारनपुर द्वारा मुख्यमंत्री उ0प्र0 सरकार के निर्देशानुसार जनपद ब्लाॅक स्तर पर चलाये जा रहे मासिक संचारी रोग नियंत्रण अभियान (दिनांक 02.09.2019 से दिनांक 30.09.2019 तक) के अन्तर्गत ब्लाॅक बलियाखेडी के ग्राम टपरी कला का निरीक्षण किया गया । समस्त स्टाफ उपस्थित पाया गया। ग्राम में आशा, आगंनवाडी, एएनएम के द्वारा हाउस टू हाउस सर्वे किया जा रहा है तथा घरों में पडे पुराने बर्तन, टायर, फ्रिज की ट्रे, गमलों में भरा पानी को खाली कराये जा रहे है। समन्वय समिति के विभागों द्वारा भी ग्राम में कार्य किये जा रहे है। ग्राम प्रधान का सहयोग प्राप्त हो रहा है। स्वास्थ्य षिक्षा के अन्तर्गत ‘‘ क्या करें क्या न करें‘‘ के बारे में जानकारी तथा पम्पलेट वितरित किये जा रहे हैं। ब्लाॅक स्तर पर सार्वजनित स्थलों पर होर्डिग, बैनर, पोस्टर एवं वाॅल पेन्टिंग पायी गयी। स्कूली बच्चों के माध्यम से रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। ये सभी जानकारी ग्राम वासियों द्वारा बताई जा रही है। जनमानस से अपेक्षा की जाती है कि संचारी रोगों से बचाव हेतु अपना सहयोग दें तथा संचारी रोगों से अपने आप को बचाये । संचारी रोग नियंत्रण अभियान के सहयोगी एवं स्टेक होल्डर डब्लूएचओ द्वारा राज्य मुख्यालय को प्रेषित की जायेगी।
क्या करे
1. दिमागी बुखार का टीका जरूर लगवाएं।
2. मच्छरों के काटने से बचें मच्छरदानी, मच्छर, अगरबत्ती या काॅयल वगैरह का प्रयोग करें। पूरे आस्तीन की कमीज, फुल पैट मोजे पहनें।
3. सुअरों को घर से दूर रखें। रहने की जगह साफ सुथरा रखें एवं जाली लगवायें।
4. पीने के लिए इंडिया मार्का हैण्ड पम्प के पानी का प्रयोग करें। पानी हमेषा ढक कर रखें छिछला हैण्ड पम्प के पानी को खाने पीने में प्रयोग न करें।
5. पक्के व सुरक्षित षौचालय का प्रयोग करे।
6. षौच के बाद व खाने के पहले साबुन से हाथ अवष्य धोये।
7. नाखूनों को काटतें रहें। लम्बे नाख्ूानों से भोजन बनाने व खाने से भोजन प्रदूशित होता है।
8. दिमागी बुखार के मरीज को दाएं या बाएं करवट लिटाएं। यदि तेज बुखार हो तो पानी से बदन पोछते रहे।
क्या न करे-
1. बेहोषी व झटके की स्थिति में मरीज के मुॅह में कुछ भी नही डालें।
2. झोला छाप डाक्टरों के पास ना जायें।
3. घर के आस पास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।
4. इधर-उधर कूडा-कचरा व गंदगी न फेलायें।
5. खुले मैदान या खेतों में षौच न करें।