एसएल कश्यप।
सहारनपुर। हजरत कासिम अलैहिस्सलाम की याद में सातवीं मोहर्रम पर मातमी जुलूस निकाला गया। हज़रत कासिम अलैहिस्सलाम की लाशे पर यज़िद के लश्कर ने घोडो की टापो से रौंदा गया था। करबला के मैदान मे 7 मोहर्रम से हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के काफले का पानी बन्द कर दिया गया था। करबला मे मौजूद जानवर, कुफ्फार, खुंखार दरिंदे सब पानी पी सकते थे लेकिन हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के काफिले वाले पानी नही पी सकते थे । जब कि हज़रत इमाम हुसैन के काफिले मे छः माह के बच्चे से लेकर 90 साल के बुढे औरते सभी थे। तपती रेगिस्थान मे 3 दिन तक सभी को भूखा प्यासा रखा गया और 10 मोहर्रम को हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व 72 अफ्राद को भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया। करबला के शहीद हज़रत कासिम अलैहिस्सलाम की याद मे निकाले गया जुलूस मौहल्ला जाफर नवाज़ स्थित बडी इमाम बारगाह से शुरू होकर आर्य कन्या, इण्टर कालेज मटिया महल, मोर गंज, भगत सिह चैक, बडतला यादगार, दीनानाथ बाज़ार, पुराना बजाजा, सर्राफा बाज़ार, नखासा बाज़ार, चौक मुत्रीबान से होता हुआ छोटी इमाम बारगाह अन्सारियान पहुचकर कुछ देर रूकने के बाद जूलुस वापिस चला जो बडतला अन्सारियान, मौहल्ला संज्ञान, गौरी शंकर बाजार, मस्जिद शेख फारूख, नया बाज़ार, जामा मस्जिद कला, पुल सब्ज़ी मण्डी, होता हुआ बडी इमाम बारगाह जाफर नवाज़ पहुच कर सम्पन्न हुआ। जुलूस में अकीदत मंदो ने भारी तादाद मे जंजीरो मे बंघी छुरियो, कमाह, व हाथ से अपने शरीर पर मातम किया,उनके शरीर से खून रिस रहा था। सभी ग़मजदा लोगो ने काले कपडे पहन रखे थे तथा नंगे पैर,गरेबान चाक,मातम करते हुए चल रहे थे। सभी अकीदत मंद या हुसैन,या अली, या अब्बास, हाय सकीना हाय प्यास की आवाजे़ बुलंद कर रहे थे। जुलूस मे सबसे आगे ऊट, घोड,े बेल गाडिया, आदि पर बैठे छोटे छोटे बच्चे काले कपडे पहने हाय सकीना हाय प्यास, चमन चमन कली कली अली अली अली अली, नाराए तकबीर अल्लाहो अकबर, हुसैनियत ज़िदाबाद यज़ीदयत मुर्दाबाद आदि के नारे बोल रहे थे बच्चो के हाथे मे काले निशान थे। उनके पीछे शबीह अलम हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम को लेकर युसूफ हैदर जैदी चल रहे थे उनके पीछे अन्जुमने इमामिया व अन्जुमने अकबरिया चल रही थी अन्जुमने इमामिया में नौहा पढने वालो में मिर्ज़ा अयाज़ मिर्ज़ा मेहरबान, खवाजा आसिफ रज़ा, शहबाज़ काज़मी, शुजा काज़मी, मिर्जा नईम, मिर्जा मुम्ताज़, अली मैहदी, शौज़ब रज़ा आदि थे, अन्जुमन इमाममिया के संचालको में मिर्ज़ा मेहरबान, लियाकत हुसैन अनवार जैदी,मुसययब रजा आदि थे।