-स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर हर बुधवार को लगता है मेला
-गर्भवतियों और बच्चों को लगाए जाते हैं टीके
सिटीवेब/एसएल कश्यप।
सहारनपुर। सुपोषण योजना के तहत पूरे जनपद में गर्भवतियों, किशोरियों व बच्चों के लिए विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस योजना में जच्चा-बच्चा को स्वस्थ रखने के लिए टीकाकरण के साथ उन्हें पोषण के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। इसके साथ ही किशोरियों में एनीमिया की जांच भी की जाती है। जिले के स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर स्वास्थ्य व बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के तत्वावधान में हर बुधवार को सुपोषण स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। इसमें गर्भवती, धात्री माताओं, बच्चों एवं किशोरियों का स्वास्थ्य परीक्षण और टीकाकरण किया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने बताया इस योजना का उद्देश्य है कि आर्थिक तंगी के चलते कोई भी बच्चा कुपोषित न रह जाए, जिससे सभी का समुचित शारीरिक व मानसिक विकास हो सके। साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी इस योजना से लाभान्वित किया जा सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डाक्टर बीएस सोढ़ी ने बताया सुपोषण मेला प्रत्येक माह के प्रथम बुधवार को स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर लगाया जाता है। इसमें एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आपसी समन्वय स्थापित कर अपने क्षेत्र की समस्त गर्भवती, धात्री महिलाओं, किशोरियों व बच्चों को बुलाकर उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं दिलाने का काम करती हैं।
आहार-विहार की दी जाती है जानकारी
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम और आयरन की ज्यादा आवश्यकता होती है। इसलिए चिकित्सक की सलाह से कैल्शियम और आयरन की गोलियां नियमित रूप से लेनी चाहिये। मां स्वस्थ रहेगी तभी वह स्वस्थ बच्चे को जन्म देगी। बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए गर्भकाल और जीवन के पहले दो वर्ष यानि शुरू के हजार दिन बड़े महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान ही बच्चे पर कुपोषण का सबसे अधिक प्रभाव होता है। बच्चे को दो वर्ष की आयु के बाद काफी प्रयास करने पर भी कुपोषण के दुष्प्रभावों से बचाना मुश्किल होता है। इसलिए प्रसव पूर्व मां के खानपान और बच्चे के पहले दो वर्षों के दौरान उसके खानपान पर ध्यान रखना बहुत जरूरी हो जाता है। पहले छह माह तक बच्चे को केवल स्तनपान कराएं। इस अवधि के लिए जरूरी पोषण उसे मां के दूध से मिल जाता है लेकिन छह माह की आयु पूरी करने के बाद बच्चे को पूरक आहार देना जरूरी हो जाता है। यही सब जानकारी सुपोषण मेले में दी जाती है।