-दक्षिण-पश्चिम दिशा वाला पहला मंदिर भारत का
सिटीवेब/अरविंद सिसौदिया।
नानौता। नानौता क्षेत्र के ग्राम बरसी में आज भी एक अद्भुत महाभारतकालीन प्राचीन शिव मंदिर स्थापित है। पूरे भारतवर्ष का यह पहला मंदिर है जिसका दरवाजा दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। मान्यता है कि इस शिवमंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर सच्चे मन से पूजा करने पर मनचाही मनोकामना पूरी होती है।
बरसी मंदिर का क्या है इतिहास -
नानौता से गंगोह रोड पर मात्र सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव बरसी तथा इस प्राचीन शिव मंदिर के बारे में दो बातें इतिहास के रूप में विद्यमान है। बताया जाता है कि महाभारत युद्व के दौरान हस्तिनापुर से कुरूक्षेत्र जाते समय भगवान श्रीकृष्ण कुछ देर के लिए गांव बरसी में रूके थे। उन्होनें गांव की मिट्टी को देखते हुए कहा था कि यह भूमि मुझे ब्रजसी लग रही है। और धीरे धीरे इस गांव का नाम बरसी पड गया।
दूसरी मान्यता है कि द्वापर युग मंे धरतराष्ट्र के पुत्र दुर्योधन और उसके भाइयों ने मिलकर इस मंदिर का निर्माण कराया था। जिसको रात्रि के समय में पांडव पुत्र भीम ने गुस्से में आकर अपनी गदा के प्रहार से इसे घुमा दिया था। जिससे मंदिर का द्वारा दक्षिण- पश्चिम में हो गया था। पूरे भारत में यह इस दिशा वाला इकलौता मंदिर बताया जाता हैं।
मंदिर की पिंडी भी अद्भुत -
बरसी महादेव मंदिर में स्थापित शिवपिंडी अद्भुत है। स्थानीय ग्रामीणो राकेश कौशिक, रमेश गिरी, चैधरी पदमसिंह, अजीत चैधरी आदि की मानें तो पिंडी की लंबाई का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। क्योंकि यह एक प्राकृतिक पिंडी होने के साथ साथ करीब एक सौ फीट की ऊंचाई पर स्थापित मंदिर में लगायी गयी है। फिलहाल ऐसी पिंडी शायद ही कहीं देखने को मिलती है।
महाशिवरात्रि पर्व चढता है प्रसाद-
प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि पर्व पर इस मंदिर पर हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल से लेकर उत्तर भारत के विभिन्न कोनो से बडी संख्या में श्रृद्वालु शिवलिंग पर जल चढाने आते है। इसके अलावा बताया जाता है कि नवविवाहित जोडो द्वारा सच्चे दिल से पुत्र प्राप्ति के लिए मांगी गया आर्शीवाद अवश्य सफल होता है। इस दिन प्रसाद के रूप में कद्दू, बेर व गुड की भेलियां चढाई जाती है। इसके अलावा पूरे तीन दिनो तक मेले का आयोजन भी किया जाता है।
शिवमंदिरो में रंगाई कार्य शुरू -
नगर व क्षेत्र के शिवमंदिरो में 21 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व को देखते हुए साफ सफाई व रंग पुताई कार्य जोरो पर चल रहा है। बरसी मंदिर में भी इस समय कार्य जोरो पर चल रहा है।