छुटमलपुर। देहरादून रोड स्थित स्थानीय संत निरंकारी भवन में विशाल संत समागम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में दिल्ली से पधारे प्रचारक संत हरभजन सिंह कोहली ने कहा कि ईश्वर की जानकारी प्राप्त करने के लिए धार्मिक ग्रंथों का पठन पाठन आवश्यक है। धार्मिक ग्रंथ ईश्वर के गुणों की पहचान में कसौटी का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि वेदों के अनुसार यह एक ऐसा तत्व है जो गति नहीं करता परन्तु फिर भी मन से अधिक वेगवान है। ऐसे तत्व को शरीर में विधमान इंद्रियां प्राप्त नहीं कर सकती। क्योंकि ईश्वर शब्द रूप रस ग्रंथ आदि से ऊपर है उन्होंने कहा कि अनादि अनंत अविनाशी और असीम ईश्वर को कर्मकांड से प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसे प्राप्त करने के लिए ऐसे पूर्ण सतगुरु के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित होना पड़ता है जिसे स्वंम ब्रह्म ज्ञान प्राप्त किया हो और तभी औरों को प्रदान करने की क्षमता रखता हो। उन्होंने कहा कि लोकहित श्रम,सेवा, प्रेम ही भगवान की श्रेष्ठ भक्ति है।जिसको हम नित्य प्रति सत्संग जाकर अपने जीवन से जोड़कर कल्याणकारी व शांतिमय पलो के अधीन होकर जीवन जीने की सही राह पा सकते हैं। इस अवसर पर कुछ वक्ताओं व गीतकारों ने अपनी भाषा शैली में ईश्वर का यशोगान किया।जहां ब्रांच मुखी ओम कुमार नाथी राम, नवीन सैनी, आयुष, धूमसिंह,धर्मपाल, दिनेश सैनी, चंद्रपाल, जय सिंह,सुशील, निरंजन,पुनीत सैनी,टिटू सागर,जोगेंद्र कुमार,निरंजन,बहन कविता, अमृता, कुसुम लता, सीमा,अर्चना, हेमलता,रीना दीपा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।