जितेंद्र मेहरा।
साढोली कदीम। साढोली कदीम क्षेत्र के ग्राम मरवा में रामलीला कमिटी की तरफ से आयोजित रामलीला मंच पर धनुष यज्ञ, सीता स्वयंवर और सीता-राम विवाह का शानदार मंचन कलाकारों द्वारा दिखाया गया। लीला के मंच का उद्धघाटन मदन सैनी, वीरेन्द्र सैनी, डॉ प्रदीप सैनी े द्वारा संयुक्त रूप से फीता काटकर किया गया। मंचन में दिखाया कि राजा जनक के राज्य में काफी दिनों से बरसात नहीं हुई थी। राजा जनक को पता चला कि प्रजा दुखी है। राजा ने ब्राह्मणों की आज्ञा मानकर सोने का हल चलाया। हल घड़े से टकराने पर एक सुंदर कन्या निकली। काफी समय से जनक के घर में भगवान शिव का पुराना धनुष रखा था। किसी कारण से सीता ने उस धनुष को अन्यत्र रख दिया। इसकी जानकारी होने पर जनक ने राज्य में अपने दरबार मे सीता स्वयंवर रचाने का आयोजन किया।जिसमे राजा जनक ने शर्त रखी कि जो इस धनुष को तोड़ेगा वही सीता का स्वंयवर बनेगा। धनुष यज्ञ में राज्य के बड़े-बड़े राजाओं सहित लंकापति रावण भी स्वयंवर में पहुंचे। सभी ने धनुष तोड़ने की कोशिश की, लेकिन किसी से धनुष हिला तक नहीं था। अपने गुरु विश्वामित्र की आज्ञा पाकर प्रभु श्रीराम ने भगवान शिव धनुष को तोड़कर सीता से विवाह किया। लीला में राम का रोल डॉ सुधीर गुप्ता, लक्ष्मण दीपक शर्मा,सीता सिद्धान्त,राजाजनक उमेश सैनी व गुरु विश्वामित्र का रोल पंडित बबलू शर्मा ने निभाया। राम लीला मंच में राम विवाह के समय दर्शकों के चहरे खिले हुए थे और तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा रामलीला स्थल गूंज रहा था।इस मौके पर संरक्षक ग्राम प्रधान डॉ अनुज गुप्ता, अध्यक्ष नकली राम सैनी, उपाध्यक्ष राज सिंह राणा, कोषाध्यक्ष घनश्याम शर्मा, मोहन गुप्ता, दिनेश सिंघल, अमित शर्मा, प्रदीप, सुधीर गुप्ता, अंकित, वरुण, रजत, गोविन्द, सन्नी ,कर्मसिंह, रमेश सैनी, विशाल, पंकज, मुकेश, दीपक गोयल आदि के साथ क्षेत्रीय लोग भी मौजूद रहे।