सहारनपुर। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सभी राजनैतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गये हैं। सहारनपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस से इमरान मसूद, गठबंधन से हाजी फजलूर्रहमान तथा आम आदमी पार्टी से योगेश दहिया चुनावी मैदान में उतर चुके हैं लेकिन अभी तक भाजपा ने यहां से अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। विगत 18 मार्च से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है लेकिन कयास लगाये जा रहे हैं कि होली के बाद ही मुख्य दलों के प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। इस बार यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प देखने को मिलेगा। फिलहाल तो जाति समीकरण बिठाते हुए सभी दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।
टांग खिंचाई का खेल शुरू
कांग्रेस और गठबंधन अपना मुख्य मुकाबला भाजपा से होना बताते हुए एक-दूसरे की टांग भी खींचने में लगे हैं, वहीं आम आदमी पार्टी प्रत्याशी का कहना है कि उनका गठबंधन किसी से नहीं है और पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ रही है, लेकिन साथ ही ये कहना भी है कि जो दल भाजपा को हराने का काम करेगा, उसे उनकी पार्टी का भरपूर सहयोग होगा। यानि इन सभी का मुख्य मुकाबला भाजपा से ही है, जिसने अभी तक यहां से अपने प्रत्याशी की घोषणा तक नहीं की है। भाजपा से यहां टिकट के कई दावेदार मौजूद हैं, जिन्होंने हाईकमान के समक्ष अपनी-अपनी दावेदारी पेश की हुई है। भाजपा के सामने समस्या ये है कि इनमें से किसी का एक का टिकट कटने पर बाकी कहीं बागी न हो जायें और यदि ऐसा हुआ तो इसकी भारी कीमत भी चुकानी पड़ सकती है क्योंकि इस बार 2०14 वाला माहौल नहीं है जिसे भाजपा भी भली प्रकार समझती है। ऐसे में प्रत्याशी की यहां से घोषणा करना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। इस समय वैसे ही टिकट न मिलने पर दल बदलने का माहौल चल रहा है।
जनसंपर्क अभियान पकड़ रहा रफ्तार
सहारनपुर सीट किसके खाते में जायेगी, अभी ये कहना मुश्किल है क्योंकि सभी दल एड़ी-चोटी का जोर लगाये हुए हैं। जनसम्पर्क अभियान ने भी तेजी पकड़ ली है। जिला कार्यालयों पर चुनावी रणनीति बननी शुरू हो चुकी है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी देखने को मिल रहा है। नामांकन पत्र दाखिल करने की तिथि घोषित होते ही यहां कलक्ट्रेट परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है। सुरक्षा के मद्देनजर अर्द्धसैनिक बलों की भी यहां तैनाती की गयी है। कयास लगाये जा रहे हैं कि मुख्य दलों के प्रत्याशियों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करते समय शक्ति प्रदर्शन भी देखने को मिल सकता है जिसके लिये पुलिस-प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। पहले दिन किसी भी प्रत्याशी द्वारा अपना पर्चा दाखिल नहीं किया गया जिससे अब लगने लगा है कि होली के बाद ही अब पर्चा दाखिल करने की प्रक्रिया को पूरा किया जायेगा। अभी वैसे भी लोग होली के रंगों में डूबे हुए हैं लेकिन होली खत्म होते ही चुनावी रंग परवान चढ़ने लगेगा।