लखनऊ।
विकास और गन्ना किसान के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुरुवार को ट्वीटर पर आमने-सामने आ गए। इसी बीच प्रधानमंत्री द्वारा सपा, बसपा और रालोद को 'सराब' बताए जाने पर भी ट्वीटर वार शुरू हो गई। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर पीएम पर हमला किया और बोले--सराब का अर्थ मृगतृष्णा है पीएम मृगतृष्णा में जो देख रहे हैं वह कभी पूरा होने वाला नहीं।
अखिलेश ने जहां ट्विट कर विकास पर सवाल किया तो मुख्यमंत्री ने गन्ना किसानों के लिए किए गए काम कर सपा-बसपा को आड़े हाथों लिया। शुरुआत अखिलेश ने ट्वीट से हुई। उन्होंने पूछा विकास पूछ रहा है भाजपा को आगामी चुनाव में उनके खि़लाफ़ आने वाले नतीजों की खुफिया रिपोर्ट मिल गई है क्या? शायद तभी उसमें बेचैनी है। आज भाजपा का हर गांव-शहर व दल के अंदर भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा का विपक्ष पर लगातार आरोप लगाना उनकी हताशा का प्रतीक है।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा-बसपा पर जोरदार पटलवार किया। उन्होंने कहा गन्ना खेतों में सूख गया, किसानों को मजबूर होकर गन्ने को खेतों में ही जलाना पड़ा। हमने सभी बंद मिलों को चलाने की व्यवस्था की और उनकी पेराई क्षमता भी बढ़ाई गई। इन ठगों से सावधान! अब दोनों एक हो गए हैं। आपको फिर ठगने के लिए...। सावधान रहिये...।
इस जवाब के कुछ ही देर बाद अखिलेश यादव ने भाजपा पर फिर जोरदार कटाक्ष किया। उन्होंने ट्वीट कर मेरठ रैली में भाजपा द्वारा नमो नाम से तैयार किए गए कपड़ों की दुकान की फोटो को टैग करते हुए तंज किया, जहां लोग नमो नाम के कपड़े खरीद रहे थे। ट्वीट में बोले--पांच साल से बेरोजगारी ख़त्म करने के लिए कुछ नहीं किया लेकिन भाजपा अपनी दुकान चलाने में बहुत माहिर है...।
उधर, मेरठ रैली में प्रधानमंत्री ने सपा, रालोद व बसपा को 'सराब'करार दिया और उससे नुकसान की बात कही तो अखिलेश यादव तुरंत हमलावर हो गए। उन्होंने ट्वीट कर कहा आज टेली-प्राम्प्टर से यह पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफ़रत का के नशे को बढ़ावा देते हैं। अखिलेश ने कहा कि सराब का मृगतृष्णा भी कहते हैं और यह वह धुंधला सा सपना है जो भाजपा पांच साल से दिखा रही है लेकिन जो कभी हासिल नहीं होता। अब जब नया चुनाव आ गया तो वह नया सराब दिखा रहे हैं।