सहारनपुर। संविधान बचाओ समिति की बैठक में धनगर को उपजाति मानकर पाल, गडरिया एवं बघेल पिछड़ी जातियों को अनूसुचित जाति का लाभ देने के शासनादेशों को उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने स्थगित करने के आदेश दिये है, जो संगठन की जीत है और जो अधिकारी अवैध शासनादेश का जाति प्रमाण जारी करेगा, उनके खिलाफ मुख्य दंडाधिकारी न्यायालय में मुकदमा पंजीकृत कराया जायेगा।
नवीन नगर स्थित समिति कार्यालय पर आयोजित बैठक में संयोजक राजकुमार ने कहा कि पाल, गडरिया, बघेल की पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने के आदेशों पर उच्च न्यायालय ने स्थगनादेश पारित कर दिया है और अपने आदेश में कहा कि राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचित अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लोगों को ही आरक्षण का लाभ मिलेगा। इस शासनादेशों के आधार पर बघेल, पिछड़ी जाति के व्यक्ति ने धनगर जाति के प्रमाण पत्र बनवाकर आगरा में अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा है। आज नोटिफिकेशन स्थगित होने पर भाजपा, भारत निर्वाचन आयोग एवं राज्य निर्वाचन आयोग व जिला निर्वाचन आगरा सवालों के घेरे में आ गये है, जिस तरह से संविधान का उल्लंघन करके अवैध रूप से अनुसूचित जाति का लाभ उठाया जा रहा है, यह अपराध देश द्रोह की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को हाईकोर्ट के आदेश से शिक्षा लेकर आगरा लोकसभा का चुनाव तत्काल रद्द करके वहां दोबारा चुनाव कराये जाने की मांग की है और इस जाति के लोगों को जारी किए जा रहे जाति प्रमाण पत्रों पर रोक लगायी जाये। इस मौके पर पुरूषोत्तम बौद्ध, अवनीश कुमार, मेघपाल सिंह, सुरेश गौतम, धर्मेन्द्र सिंह, विरेन्द्र सिंह, शमशेर सिंह गोतम, वेदपाल सिंह, गुलाब सिंह मौजूद रहे।