अखबार में कार्य करने वालों की नौकरी सुरक्षित नहींः मलिक
दिल्ली। दी कन्फैडेरशन आॅफ न्यूज पेपर एवं एजेंसी कर्मचारी युनियन ,एनयूजे आईं के सँयुक्त तत्वावधान में पत्रकारों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया गया। धरने में अशोक मलिक अध्यक्ष एनयूजे आई ने कहा कि देश में वेजबोर्ड को समाप्त करने की शाजिसे रचीं जा रही हैं। पत्रकार सुरक्षा कानून लागू नहीं किया जा रहा है। पत्रकारों पर लगातार हमले बढतें जा रहे हैं। समाचार पत्रों को ठेका प्रथाओं पर चलाया जा रहा है। अखबार में कार्य करने वाले लोगों की नौकरी सुरक्षित नहीं है। सरकार नये कानून के माध्यम से लोकतंत्र के इस चैथे स्तंभ पर प्रहार करने जा रही हैं। इसका ही विरोध करने के लिए आज हम देश की सभी पत्रकार युनियनों ने एकसाथ आकर प्रेस की आजादी छिनने के सरकार के कदम के विरोध में एकत्रित हुए हैं। एम.एस.यादव महामंत्री पीटीआई ने कहा कि आजादी के बाद एक बार फिर से प्रेस की स्वत्रंत्रता को खतरा पैदा हो गया है। यदि हम लोगों ने एकजुटता के साथ इसका विरोध नहीं किया तो पत्रकार जगत एक बार फिर से बडे बडे मीडिया हाऊस का गुलाम बनकर रह जाऐगा। उपजा के प्रदेश महामंत्री रमेश चंद्र जैन ने बताया कि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है अभी राज्यसभा में पास कराना शेष है। यदि हम लोग एकजुट होकर सड़क से सँसद तक अपने सम्मान एवं स्वाभिमान की लडाई को नहीं लडेंगे तो आने वाली नस्लें हमें माफ नहीं करेगी। इसके अलावा डीजेए के डा.प्रमोद कुमार सैनी, मनोहर सिंह, उपजा के सुनील चैधरी, राधेश्याम लाल करण,र्निभय सैक्सैना,श्रीमती तमन्ना, चण्डीगढ़ से अवतार सिंह ने भी सम्बोधित किया। धरना प्रदर्शन के बाद एक ज्ञापन अपने मागँपत्र के रूप में देश के श्रम मन्त्री सन्तोष गँगवार को सौंपा। इस दौरान कलकत्ता, असम,तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश, उडीसा, कर्नाटक, झारखंड, हिमाचल, पँजाब, हरियाणा, उतराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र के पत्रकार व आईएफडब्ल्यूजे, एआईएन.ईएफ., एनयूजे आई.आफ इंडिया, उपजा, आईजेयू, यूएन.आई.वर्कर युनियन, पीटीआई, तथा ट्रिब्यून कर्मचारी यूनियन कर्मचारियों ने भाग लिया।