नई दिल्ली (5 अक्टूबर): भारत जिबूती को चीन के जबड़े से बाहर निकालने की कोशिश में जी जान से जुट गया है। सामरिक रूप से भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण देश में चीन ने अपना सैनिक अड्डा बना लिया है। चीनी गतिविधियों को सीमित करने के लिए भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने जिबूती को अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए चुना। सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि राष्ट्रपति कोबिंद जिबूती में कदम रखने वाले पहुंचने वाले पहले भारतीय नेता हैं। राष्ट्रपति कोबिंद ने भारत और जिबूती के बीच दोनों ओर से बात-चीत जारी रखने वाले एक अहम दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये। अब जिबूती और भारत एक दूसरे से अपनी-अपनी आवश्यकताओं के बारे में विचार-विमर्श कर सकेंगे