सहारनपुर। उपनिदेशक महिला कल्याण विभाग पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि बाल यौन शोषण दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है, जिसके लिए हम स्वयं जिम्मेदार है। आज समाज को बुद्धिजीवी समाजसेवियों की आवश्यकता है, जिससे कि व्यवस्था में परिवर्तन हो सकें।
उपनिदेशक महिला कल्याण विभाग पुष्पेन्द्र सिंह आज चाईल्ड लाइन संस्था द्वारा आयोजित बैठक में बोल रहे थे।
उन्होंने किशोर न्याय अधिनियम 2015 व आदर्श नियम 2016 पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि बाल यौन शोषण आज दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, जिसके लिए हम स्वयं जिम्मेदार है, क्योंकि हम बच्चों को संस्कार नहीं दे पा रहे है, जिसका यह परिणाम निकला है कि आजकल बच्चों के साथ यौन शोषण एवं गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही है। आज समाज को बुद्धिजीवियों व समाज सेवियों की आवश्यकता है, जिससे हमारे समाज में उत्पन्न हो रही बुराईयों को रोका जा सकें।
आज हम सभी समाज से जुड़े कार्यकतार्ओं को प्रण लेना चाहिए कि बच्चों के प्रति संवेदनशील होकर बच्चों के विषय में चिंताजनक सामाजिक कार्य करेंगे, जिससे कि बच्चों को आने वाली समस्याओं का सामना न करना पड़े। चाईल्ड लाइन निदेशक मंसूर हुसैन ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत प्राविधानों की जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों का मौलिक अधिकार शिक्षा भी है और संविधान में 14 वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा का प्राविधान होने के बावजूद भी देश में बच्चों से बाल मजदूरी करायी जा रही है।
इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा आरटीआई के अंतर्गत बच्चों को शिक्षा से जोडकर लाभान्वित किया जा रहा है। मलिन बस्ती, ब्लॉक स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में अज्ञानता के कारण इस क्षेत्र के बच्चे योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे है, जिस पर हमें सामाजिक कार्यकतार्ओं, प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से बच्चों को शिक्षा से जोडना होगा। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मान सिंह ने कहा कि बच्चों के मूल अधिकारों को दिलाना ही सर्वोपरि धर्म है। कार्यक्रम में विरेन्द्र कुमार, श्रीमती पूनम, जुमला सिंह, अरशद परवेज, मुनेश शर्मा, शब्बो, प्रवीन, दिनेश, पर्व, शमशुलहक, प्रमोद शर्मा, विमलावती, रीना, रीबा खान, संदीप चौधरी आदि मौजूद रहे। संचालन मुनेश शर्मा ने किया।